बिहार में तेजस्वी यादव का वोटर लिस्ट से नाम गायब होने का दावा, चुनाव आयोग ने किया खंडन

बिहार की राजनीति में नया विवाद
बिहार की राजनीतिक स्थिति एक बार फिर गरमा गई है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रमुख नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया है कि उनका नाम नई मतदाता सूची से हटा दिया गया है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि लगभग 65 लाख वोटरों के नाम भी इस अपडेट में गायब हो गए हैं।
चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण
तेजस्वी यादव के इस गंभीर आरोप पर चुनाव आयोग ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। आयोग ने स्पष्ट किया कि तेजस्वी यादव का नाम मतदाता सूची में मौजूद है और उनका क्रमांक भी सही तरीके से दर्ज है।
'मेरा नाम लिस्ट से गायब!'
तेजस्वी यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें नई मतदाता सूची में अपना नाम नहीं मिला। उन्होंने यह भी कहा कि यह केवल उनके साथ नहीं हुआ, बल्कि लाखों अन्य लोगों के नाम भी सूची से हटा दिए गए हैं। उनका मानना है कि यह एक राजनीतिक साजिश हो सकती है, जिसका उद्देश्य कुछ विशेष मतदाता वर्ग को चुनाव प्रक्रिया से बाहर करना है। उन्होंने कहा, 'क्या यह लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ नहीं है?'
चुनाव आयोग का जवाब
तेजस्वी यादव के बयान के तुरंत बाद, भारतीय चुनाव आयोग ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि उनका नाम मतदाता सूची में सुरक्षित है। आयोग ने बताया कि पटना जिले की मतदाता सूची में तेजस्वी यादव का नाम क्रमांक 416 पर दर्ज है। आयोग ने उनके आरोपों को 'गलत और भ्रामक' बताया और कहा कि ऐसे बयान जनता को भ्रमित करते हैं।
65 लाख नाम हटाए जाने का विवाद
तेजस्वी यादव ने यह भी कहा कि बिहार में नई वोटर लिस्ट में लगभग 65 लाख मतदाताओं के नाम हटा दिए गए हैं। हालांकि, चुनाव आयोग ने इस पर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट अपडेट प्रक्रिया पारदर्शी होती है।
विपक्ष को नया मुद्दा
तेजस्वी यादव के इस बयान के बाद विपक्षी दलों को एक नया मुद्दा मिल गया है। इस मुद्दे को लेकर विधानमंडल से लेकर सड़कों तक आंदोलन की संभावना जताई जा रही है। आरजेडी नेता इस मामले को गंभीरता से उठाने की योजना बना रहे हैं और केंद्र सरकार पर निशाना साध रहे हैं।