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बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार: प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे नेता बने मंत्री

बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार में कई नेताओं को मंत्री बनाया गया है, जिनमें वे भी शामिल हैं जिन्हें प्रशांत किशोर ने निशाना बनाया था। यह राजनीतिक घटनाक्रम दर्शाता है कि कैसे आलोचना के बावजूद इन नेताओं का करियर और भी मजबूत हुआ है। जानें इस नई सरकार की संरचना और प्रशांत किशोर के प्रभाव के बारे में।
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बिहार में नीतीश कुमार की नई सरकार: प्रशांत किशोर के निशाने पर रहे नेता बने मंत्री

नीतीश कुमार की नई सरकार में मंत्रियों की नियुक्ति

बिहार में नीतीश कुमार द्वारा गठित नई सरकार में कई महत्वपूर्ण पहलुओं का अवलोकन किया गया है। सबसे ध्यान देने योग्य बात यह है कि भाजपा और जनता दल यू के जिन नेताओं को प्रशांत किशोर ने निशाना बनाया था, वे सभी मंत्री बन गए हैं। प्रशांत किशोर ने भाजपा के चार और जनता दल यू के एक नेता को अपने आलोचना का लक्ष्य बनाया था, और ऐसा प्रतीत हो रहा था कि ये नेता हाशिए पर चले जाएंगे। लेकिन इनमें से चार को मंत्री पद पर नियुक्त किया गया है। भाजपा के पूर्व अध्यक्ष संजय जायसवाल को इस बार मंत्री नहीं बनाया गया है, क्योंकि वे लोकसभा के सांसद हैं। हालांकि, जिस तरह से प्रशांत किशोर के निशाने पर आए नेता मंत्री बने हैं, उसे देखते हुए यह आश्चर्यजनक नहीं होगा यदि संजय जायसवाल को केंद्र में मंत्री बना दिया जाए।


प्रशांत किशोर ने सबसे पहले भाजपा नेता दिलीप जायसवाल को निशाना बनाया था, जिन पर हत्या और एक सिख प्रमोटर द्वारा स्थापित मेडिकल कॉलेज को हड़पने का आरोप है। दिलीप जायसवाल पहले भू राजस्व और निबंधन मंत्री थे। उनके मंत्री रहते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया। अब एक साल बाद उन्हें फिर से मंत्री बनाया जा रहा है, जो यह दर्शाता है कि भाजपा प्रशांत किशोर को एक संदेश देना चाहती है।


इसके बाद प्रशांत किशोर ने संजय जायसवाल को भी निशाना बनाया, और फिर दो अन्य भाजपा नेताओं, सम्राट चौधरी और मंगल पांडेय पर भी आरोप लगाए। सम्राट चौधरी पर हत्या का पुराना मामला और चुनावी हलफनामे में गलत जानकारी देने का आरोप था, जबकि मंगल पांडेय पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया गया। अब नई सरकार में सम्राट चौधरी उप मुख्यमंत्री बने हैं, जो यह दर्शाता है कि वे सरकार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मंगल पांडेय को वरिष्ठता के आधार पर पहले शपथ दिलाई गई।


इन चार भाजपा नेताओं के अलावा, जनता दल यू के अशोक चौधरी को भी प्रशांत किशोर ने निशाना बनाया था। इसके बाद यह चर्चा थी कि नीतीश कुमार ने अशोक चौधरी से दूरी बना ली है या उनकी पार्टी में स्थिति कमजोर हो गई है। लेकिन ये सभी बातें गलत साबित हुईं, और अशोक चौधरी फिर से नीतीश की सरकार में एक प्रभावशाली मंत्री बने हैं। यह सोचने वाली बात है कि जब प्रशांत किशोर ने इन नेताओं को निशाना बनाया था, तब ऐसा लग रहा था कि उनका करियर संकट में है, लेकिन इसके विपरीत, उनका करियर और भी मजबूत हुआ है।