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बिहार में नेपाल के विरोध प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई

नेपाल में Gen-Z के हिंसक प्रदर्शनों के चलते 22 लोगों की मौत हो गई और 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस स्थिति को देखते हुए, बिहार सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा को मजबूत करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने अधिकारियों को बिना जांच के किसी भी व्यक्ति को सीमा में प्रवेश न देने का आदेश दिया है। इस बैठक में पुलिस महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के बारे में और क्या कदम उठाए गए हैं।
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बिहार में नेपाल के विरोध प्रदर्शनों के बाद सुरक्षा बढ़ाई गई

नेपाल में Gen-Z के आंदोलन का प्रभाव

नेपाल में Gen-Z द्वारा किए गए हिंसक प्रदर्शनों में 22 लोगों की जान चली गई और 2,000 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस दौरान हजारों कैदी जेल से भाग चुके हैं। इन घटनाओं के मद्देनजर, बिहार सरकार ने सीमावर्ती जिलों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। बुधवार को बिहार के मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें नेपाल की सीमा से सटे सभी जिलों के पुलिस अधीक्षक और जिलाधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया।


सुरक्षा उपायों पर चर्चा

इस बैठक का मुख्य उद्देश्य नेपाल में हो रही घटनाओं से उत्पन्न चुनौतियों का प्रभावी ढंग से सामना करना था। मुख्य सचिव ने सीमा पार से बिहार में प्रवेश करने वाले व्यक्तियों पर कड़ी निगरानी रखने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को बिना जांच के सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, पुल, रेलवे स्टेशन और पावर प्लांट जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर भी कड़ी निगरानी रखने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।


आपात स्थिति में संपर्क

बैठक के दौरान, प्रत्यय अमृत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि किसी भी आपात स्थिति में वे सीधे उनसे या पुलिस महानिदेशक से संपर्क कर सकते हैं। यदि अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो, तो अधिकारियों को संपर्क करने के लिए कहा गया। इस महत्वपूर्ण बैठक में पुलिस महानिदेशक विनय कुमार और अपर पुलिस महानिदेशक कुंदन कृष्णन भी उपस्थित थे।