बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना की दिशा में महत्वपूर्ण कदम

बिहार की ऊर्जा जरूरतों के लिए न्यूक्लियर पावर का कदम
बिहार में ऊर्जा की बढ़ती आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए, राज्य अब न्यूक्लियर पावर के क्षेत्र में कदम रखने की योजना बना रहा है। हाल ही में आयोजित ओरिजिनल पावर मिनिस्टर कॉन्फ्रेंस में, बिहार ने केंद्र सरकार से न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना की मांग की, जिसे केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने स्वीकार किया। उन्होंने कहा कि यदि बिहार सरकार न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करना चाहती है, तो केंद्र हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
न्यूक्लियर पावर की संभावनाएं
राज्यों में न्यूक्लियर पावर की संभावनाएं
मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि देश में ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए सभी राज्यों में न्यूक्लियर पावर की संभावनाओं की खोज की जा रही है। भविष्य में पावर की मांग में वृद्धि होने की उम्मीद है। इस संदर्भ में, पूरे देश में 6 स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर (SMR) स्थापित करने की योजना है, जिसमें से एक बिहार में भी लगाया जाएगा।
बिहार के विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
विकास की दिशा में बड़ा कदम
यह निर्णय बिहार के औद्योगिक और आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। अब तक, बिहार पावर सेक्टर में अन्य राज्यों की तुलना में पीछे रहा है, लेकिन न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना से राज्य में ऊर्जा उत्पादन की नई संभावनाएं खुलेंगी।
विशेषज्ञों के अनुसार, स्मॉल मॉड्यूलर रिएक्टर आधुनिक तकनीक से लैस होते हैं और इन्हें सुरक्षित तरीके से कम स्थान में स्थापित किया जा सकता है। यह बिहार जैसे राज्यों के लिए एक उपयुक्त विकल्प है, जहां पारंपरिक पावर प्लांट के लिए जगह और संसाधनों की कमी है।
राज्य सरकार की भूमिका
सबकी नजर राज्य सरकार पर
अब यह राज्य सरकार पर निर्भर करेगा कि वह किस जिले में न्यूक्लियर पावर प्लांट स्थापित करेगी। सूत्रों के अनुसार, पहले चरण में तकनीकी और पर्यावरणीय सर्वेक्षण शुरू किया जाएगा। बिहार में न्यूक्लियर पावर प्लांट की स्थापना का यह प्रस्ताव न केवल ऊर्जा उत्पादन के लिए, बल्कि तकनीकी, औद्योगिक और रोजगार सृजन के लिए भी ऐतिहासिक साबित हो सकता है। अब सभी की निगाहें इस बात पर हैं कि राज्य सरकार इस प्रस्ताव को कितनी तेजी से लागू करती है।