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बिहार में परिवर्तन की ओर बढ़ते मतदाता: हरीश रावत का बयान

कांग्रेस नेता हरीश रावत ने बिहार में मतदान के दौरान बदलाव की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने कहा कि लोग 20 वर्षों के खराब शासन और बेरोजगारी से थक चुके हैं। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के संयुक्त प्रचार का प्रभाव मतदाताओं में स्पष्ट है। पहले चरण में 18 जिलों के 121 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, जिसमें 3.75 करोड़ मतदाता शामिल हैं। जानें मतदान के आंकड़े और प्रमुख नेताओं की स्थिति।
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बिहार में परिवर्तन की ओर बढ़ते मतदाता: हरीश रावत का बयान

बिहार में मतदान का माहौल

पटना। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने गुरुवार को कहा कि बिहार के लोग अब बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 20 वर्षों के खराब शासन और बढ़ती बेरोजगारी से लोग थक चुके हैं। रावत ने यह भी कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव का संयुक्त प्रचार मतदाताओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।

रावत ने कहा कि बिहार में लोग कुशासन के खिलाफ मतदान कर रहे हैं। बेरोजगारी की समस्या वहां गंभीर हो चुकी है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव के प्रचार का असर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण में 18 जिलों के 121 निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान हो रहा है, जिसमें लगभग 3.75 करोड़ मतदाता शामिल हैं। भारत के चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, पहले चरण में दोपहर एक बजे तक 42.31 प्रतिशत मतदान हुआ। गोपालगंज में सबसे अधिक 46.73 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया, इसके बाद लखीसराय में 46.37 प्रतिशत और बेगूसराय में 46.02 प्रतिशत मतदान हुआ। कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में सुरक्षा कारणों से मतदान का समय शाम 5 बजे तक बढ़ा दिया गया है। पहले चरण का मतदान कई प्रमुख नेताओं के भविष्य का निर्धारण करेगा, जिनमें राजद के तेजस्वी प्रसाद यादव, भाजपा के सम्राट चौधरी और मंगल पांडे, तथा जेडीयू के श्रवण कुमार और विजय कुमार चौधरी शामिल हैं। तेज प्रताप यादव भी इस चरण में चुनावी मैदान में हैं। 2020 में मतदान तीन चरणों में हुआ था, जिसमें एनडीए ने 125 सीटें जीती थीं, जबकि महागठबंधन ने 110 सीटें हासिल की थीं।