बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार समाप्त
चुनाव प्रचार का समापन
पटना। बिहार में पहले चरण के मतदान के लिए चुनाव प्रचार का समय समाप्त हो गया है। मंगलवार को शाम पांच बजे राज्य के 18 जिलों की 121 विधानसभा सीटों के लिए प्रचार खत्म हुआ। इन सीटों पर मतदान गुरुवार, 6 नवंबर को होगा। प्रचार के अंतिम दिन सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने अपनी पूरी ताकत झोंकी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई सभाओं को संबोधित किया, जबकि राहुल गांधी और तेजस्वी यादव ने भी कई रैलियों में भाग लिया।
राजद की स्थिति
पहले चरण के चुनाव में मुख्य विपक्षी दल राजद के पास सबसे अधिक सीटें हैं। पिछले चुनाव में राजद ने 121 सीटों में से 43 सीटें जीती थीं। महागठबंधन के पास 62 सीटें थीं, जबकि एनडीए ने 58 सीटें हासिल की थीं। भाजपा ने 31 और जनता दल यू ने 22 सीटें जीती थीं। कांग्रेस की आठ और सीपीआई माले की सात सीटें भी दांव पर हैं। पहले चरण में पटना प्रमंडल की सभी 14 सीटों पर मतदान होगा।
राजद में बदलाव
चुनाव प्रचार समाप्त होने से पहले, राष्ट्रीय जनता दल ने गौड़ाबौराम सीट पर एक महत्वपूर्ण बदलाव किया। इस सीट पर सहयोगी पार्टी वीआईपी के मुकेश सहनी के भाई संतोष सहनी चुनाव लड़ रहे थे। तेजस्वी यादव ने उनके लिए वोट मांगा था, लेकिन बाद में पार्टी ने मोहम्मद अफजल को समर्थन देने का निर्णय लिया, जिन्हें पहले राजद ने चुनाव चिन्ह दिया था। कई अपीलों के बावजूद अफजल ने चुनावी मैदान से हटने से इनकार कर दिया। इस प्रकार मुकेश सहनी की एक और सीट उनके हाथ से निकल गई।
आचार संहिता का उल्लंघन
पहले चरण के चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, चुनाव आयोग ने केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के खिलाफ पटना में एफआईआर दर्ज की। उन पर आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप है। ललन सिंह ने सोमवार को जदयू प्रत्याशी और जेल में बंद नेता अनंत सिंह के लिए प्रचार किया था। इस दौरान उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा, "यहां कुछ नेता हैं, जिन्हें चुनाव के दिन बाहर मत आने दीजिएगा। उन्हें घर में ही बंद कर दीजिएगा।"
