बिहार में पुलिस प्रमुख का मीडिया से संवाद पर प्रतिबंध

बिहार की कानून व्यवस्था पर सवाल
Bihar News: बिहार में बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर मीडिया द्वारा उठाए जा रहे सवाल अब पुलिस महानिदेशक (DGP) विनय कुमार के लिए चिंता का विषय बन गए हैं। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि DGP ने एक आदेश जारी कर पुलिस अधिकारियों को मीडिया से सीधे संवाद करने पर रोक लगा दी है। इस नए निर्देश के अनुसार, अब किसी भी पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को मीडिया को बयान देने की अनुमति नहीं होगी। संवाद केवल पुलिस मुख्यालय के नामित अपर पुलिस महानिदेशक (मुख्यालय) और प्रवक्ता के माध्यम से किया जाएगा।
पुलिस प्रवक्ता की भूमिका
कोई अन्य अधिकारी नहीं देगा बयान
अब मीडिया से बात करने का अधिकार केवल पुलिस प्रवक्ता को ही होगा। इसका मतलब है कि केवल प्रवक्ता ही प्रेस नोट पढ़कर मीडिया को जानकारी दे सकेंगे। किसी अन्य पुलिस अधिकारी या कर्मचारी को मीडिया से बात करने की अनुमति नहीं है। इसके अतिरिक्त, महत्वपूर्ण मुद्दों पर मीडिया सेल प्रेस नोट तैयार करेगा, जिसे DGP की मंजूरी के बाद प्रवक्ता को सौंपा जाएगा।
ब्रीफिंग की सीमाएं
ब्रीफिंग में नहीं दी जाएगी अन्य जानकारी
इस दौरान ब्रीफिंग को बहुत सीमित रखा जाएगा। रिपोर्टों के अनुसार, मीडिया से संवाद केवल प्रेस नोट तक ही सीमित रहेगा। इसके अलावा किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी जाएगी। DGP विनय कुमार पहले प्रेस की स्वतंत्रता और मीडिया की भूमिका के समर्थक रहे हैं। उन्होंने मीडिया को लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण स्तंभ बताया है। लेकिन अब जब राज्य में अपराध, गैंगवार, हत्या, साइबर फ्रॉड और पुलिस की विफलता के मुद्दों पर सवाल उठने लगे हैं, तो यह स्पष्ट है कि ये सवाल अब उन्हें असहज कर रहे हैं।