बिहार में प्रशांत किशोर की राजनीति से हलचल, एनडीए में उठे सवाल

प्रशांत किशोर का प्रभाव
बिहार की राजनीतिक गतिविधियों में इन दिनों प्रशांत किशोर की भूमिका महत्वपूर्ण बन गई है। उनके बयानों से विभिन्न पार्टियों की रणनीतियों का निर्धारण हो रहा है, और सभी दल उनकी उम्मीदवारों की घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। प्रशांत किशोर के विचारों से एनडीए में सबसे अधिक हलचल देखने को मिल रही है। उन्होंने भाजपा और जनता दल यू के नेताओं पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हालांकि, इनमें से कई आरोप राजनीतिक हैं, लेकिन कुछ भ्रष्टाचार से जुड़े भी हैं। इन आरोपों के चलते दोनों पार्टियों में असंतोष बढ़ता जा रहा है। भाजपा के पूर्व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने इस पर प्रतिक्रिया दी है, जबकि जनता दल यू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी सवाल उठाए हैं। इन सवालों ने पार्टियों को असहज कर दिया है।
आरके सिंह की प्रतिक्रिया
भाजपा को प्रशांत किशोर के आरोपों से ज्यादा परेशानी आरके सिंह के सवालों से हो रही है। आरा के पूर्व सांसद आरके सिंह ने कहा है कि जिन नेताओं पर प्रशांत ने आरोप लगाए हैं, उन्हें सामने आकर जवाब देना चाहिए। यदि उनके पास जवाब है, तो उन्हें मीडिया में इसे स्पष्ट करना चाहिए और मानहानि का मुकदमा करना चाहिए। यदि जवाब नहीं है, तो पार्टी को उनके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए।
आरके सिंह ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और मंत्री मंगल पांडेय पर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरा, बड़हरा और जगदीशपुर जैसी राजपूत बहुल सीटों पर संभावित भाजपा या जदयू प्रत्याशियों का विरोध करने का भी ऐलान किया है।
जनता दल यू की स्थिति
दूसरी ओर, जनता दल यू के एमएलसी नीरज कुमार ने राज्य सरकार के मंत्री अशोक चौधरी पर लगे आरोपों को उठाया है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार पर कभी भ्रष्टाचार के आरोप नहीं लगे, लेकिन अब उनकी सरकार पर सवाल उठ रहे हैं, इसलिए मंत्री को आरोपों का स्पष्ट जवाब देना चाहिए।
यह विवाद मोकामा सीट पर बाहुबली अनंत सिंह को चुनाव में उतारने की तैयारियों से जुड़ा हुआ है, जहां अनंत सिंह को ललन सिंह और अशोक चौधरी का समर्थन प्राप्त है।