बिहार में बंजर जमीन का लाभ: मुख्यमंत्री चौर विकास योजना

मुख्यमंत्री चौर विकास योजना का परिचय
मुख्यमंत्री चौर विकास योजना: किसान अक्सर बंजर भूमि को अनदेखा कर देते हैं, लेकिन अब यह भूमि भी फायदेमंद बन सकती है। बिहार सरकार ने 'सात निश्चय-2' के अंतर्गत इस योजना की शुरुआत की है, जो वित्तीय वर्ष 2025-2026 के लिए लागू होगी। इस योजना के तहत, राज्य सरकार किसानों को अनुदान पर बेकार पड़ी जमीन पर मछली पालन के लिए तालाब बनाने का अवसर प्रदान कर रही है।
योजना का उद्देश्य
योजना का उद्देश्य
मुख्यमंत्री चौर विकास योजना का मुख्य लक्ष्य राज्य में मत्स्य आधारित समेकित जलकृषि को बढ़ावा देना है। यह योजना निजी चौर भूमि के विकास पर केंद्रित है, जिससे मछली पालन के साथ-साथ कृषि, बागवानी और कृषि वानिकी को भी बढ़ावा मिलेगा। योजना में 'लाभुक आधारित चौर विकास' और 'उद्यमी आधारित चौर विकास' के मॉडल शामिल हैं।
मुख्यमंत्री चौर विकास योजना के मॉडल
तीन मॉडल
इस योजना में तीन मॉडल शामिल हैं: एक हेक्टेयर क्षेत्र में दो तालाब बनाने की लागत ₹8.88 लाख है, जबकि चार तालाब बनाने की लागत ₹7.32 लाख प्रति हेक्टेयर है। एक हेक्टेयर में एक तालाब और भूमि विकास की लागत ₹9.60 लाख है।
अनुदान की जानकारी
क्या अनुदान मिलेगा?
बिहार सरकार के पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने बताया कि इस योजना के तहत किसानों को बंजर जमीन पर तालाब बनाने के लिए 70% अनुदान मिलेगा। अन्य वर्गों को इकाई लागत का 50% मिलेगा, जबकि अत्यंत पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति या जनजाति के लाभार्थियों को 40% अनुदान मिलेगा।
आवश्यक दस्तावेज
आवश्यक दस्तावेज
इस योजना का लाभ उठाने के लिए, लाभार्थियों को स्व-प्रमाणित दो पासपोर्ट साइज फोटो, आधार कार्ड, जाति प्रमाणपत्र और समूह में काम करने की सहमति पत्र प्रस्तुत करना होगा। उद्यमी लाभार्थियों को स्व-अभिप्रमाणित निबंधन प्रमाणपत्र, पिछले 3 वर्षों का ऑडिट और आयकर रिटर्न, जीएसटी, भू-स्वामि प्रमाणपत्र, लीज एकरारनामा, मत्स्य प्रशिक्षण और अनुभव की आवश्यकता होगी।
आवेदन प्रक्रिया
यहाँ आवेदन करें
किसान इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन की अंतिम तिथि 31 अगस्त 2025 है। आवेदन करने के लिए वेबसाइट fisheries.bihar.gov.in पर जाएं।