बिहार में मतदाता पुनरीक्षण में ग्रामीणों को चुनौतियों का सामना

बिहार में मतदाता पुनरीक्षण की प्रक्रिया
पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ग्रामीण क्षेत्रों में मतदाता पुनरीक्षण का कार्य जारी है। चुनाव आयोग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान में ग्रामीणों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
कैलाश नगर के वार्ड नंबर 4 के निवासी राम अवतार बैठा ने बताया कि यहां विभिन्न स्थानों से लोग आए हैं। उनके पास केवल आधार कार्ड और राशन कार्ड जैसे दस्तावेज हैं। इसलिए, वोटर लिस्ट का सत्यापन इन्हीं दस्तावेजों के आधार पर होना चाहिए।
इसी वार्ड के कृष्णा प्रसाद गुप्ता ने कहा कि वार्ड नंबर 4 की बस्ती रेलवे की भूमि पर बसी हुई है, जिसके कारण स्थायी आवास प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहा है। मतदाता पुनरीक्षण के लिए मांगे जा रहे दस्तावेजों में से केवल आधार कार्ड, पहचान पत्र और राशन कार्ड ही उपलब्ध हैं। इसलिए, हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि मतदाता पुनरीक्षण केवल इन दस्तावेजों के आधार पर किया जाए।
बूथ नंबर 55 के बीएलओ प्रियेश कुमार वर्मा ने बताया कि मतदाता पुनरीक्षण सूची में दिए गए 11 विकल्पों में से कई दस्तावेज लोगों के पास नहीं हैं। हम लोगों को प्रोत्साहित कर रहे हैं कि वे जाति और निवास प्रमाण पत्र बनवाएं या 2003 की मतदाता सूची में माता-पिता का नाम हो तो बच्चों का मतदाता पुनरीक्षण कराएं।
उन्होंने कहा कि यहां की सबसे बड़ी समस्या यह है कि लोगों के पास जमीन से संबंधित कोई दस्तावेज नहीं है। ये सभी लोग बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से आकर बसे हैं। यहां कई लोग ऐसे भी हैं जिनके पास मैट्रिक का सर्टिफिकेट भी नहीं है।
उन्होंने आगे बताया कि इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए 25 से 26 जुलाई की समय सीमा निर्धारित की गई है। मुझे बूथ नंबर 55 की जिम्मेदारी दी गई है, जो कैलाश नगर में स्थित है। यहां कुल 1400 मतदाता हैं, जिनमें से 150 लोगों का वोटर आईडी सत्यापित किया जा चुका है।