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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विपक्ष का विरोध, महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी

बिहार में इंडिया एलायंस के सांसदों ने मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान, उन्होंने भाजपा और चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के आरोप लगाए। प्रदर्शन के चलते राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित कर दी गई। विपक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रहा है। कांग्रेस के सांसद सैयद नसीर हुसैन ने कहा कि जरूरत पड़ने पर वे लोकतंत्र के सभी साधनों का उपयोग करेंगे। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए।
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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर विपक्ष का विरोध, महाभियोग प्रस्ताव की तैयारी

विपक्ष का प्रदर्शन और महाभियोग की चर्चा

नई दिल्ली: इंडिया एलायंस के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस दौरान, विपक्ष के सांसदों ने भारतीय जनता पार्टी और चुनाव आयोग पर 'वोट चोरी' के गंभीर आरोप लगाए। नारेबाजी के चलते राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। उपसभापति हरिवंश ने सदन को चलाने की अपील की।

इस विरोध प्रदर्शन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, कनिमोझी और अन्य प्रमुख नेता शामिल हुए। सूत्रों के अनुसार, विपक्ष मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की योजना बना रहा है। जब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद सैयद नसीर हुसैन से इस बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, 'अगर आवश्यकता पड़ी, तो हम लोकतंत्र के सभी साधनों का उपयोग करेंगे। अभी तक महाभियोग पर कोई चर्चा नहीं हुई है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हम कुछ भी कर सकते हैं।'

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा, 'मैं स्पष्ट रूप से कहता हूँ कि जब ममता जी विधानसभा चुनाव हार गई थीं, तब चुनाव आयोग सीधे एसओ और पुलिस अधिकारियों से बातचीत कर रहा था।' उन्होंने आगे कहा, 'अनुराग ठाकुर ने कन्नौज के बारे में कुछ कहा था, लेकिन अगर पहले ठाकुर, ठाकुर अनुराग जोड़ दिया जाए, तो अर्थ बदल जाता है। हमारी मांग है कि जाति के आधार पर बीएलओ और पीठासीन अधिकारियों की नियुक्ति न की जाए। मैं फिर से कहता हूँ कि जब ममता जी विधानसभा चुनाव हार गई थीं, तब चुनाव आयोग सीधे एसओ से बात कर रहा था।'