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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर संजय सिंह ने उठाए गंभीर सवाल

आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने इसे एक बड़े चुनावी घोटाले के रूप में वर्णित किया और आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया पारदर्शिता की कमी दिखाती है। विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों और कमजोर वर्गों के लिए यह प्रक्रिया कठिनाई पैदा कर रही है। सिंह ने इस मुद्दे पर चर्चा की मांग की है, ताकि लोकतंत्र की निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।
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बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर संजय सिंह ने उठाए गंभीर सवाल

संजय सिंह का राज्यसभा में मुद्दा उठाना

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने मंगलवार को बिहार में मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision - SIR) को लेकर गंभीर चिंताएं व्यक्त की। उन्होंने नियम 267 के तहत नोटिस देकर सदन की सभी कार्यवाहियों को स्थगित करने की मांग की, ताकि इस मुद्दे पर तुरंत चर्चा की जा सके।


बिहार में चुनावी घोटाले का आरोप

संजय सिंह ने कहा कि बिहार में चल रही वोटर लिस्ट रिवीजन प्रक्रिया “एक बड़े चुनावी घोटाले” के समान है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह प्रक्रिया न केवल पारदर्शिता की कमी दिखाती है, बल्कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ जाकर करोड़ों मतदाताओं के अधिकारों को प्रभावित कर रही है।


मतदाता सूची में असमानता का मुद्दा

संजय सिंह ने कहा कि बिहार में SIR एक बड़ा चुनावी घोटाला है। उन्होंने बताया कि जहां नियमित और पारदर्शी मतदाता सूची का पुनरीक्षण लोकतांत्रिक प्रणाली की नींव है, वहीं बिहार में अपनाई जा रही प्रक्रिया कई स्तरों पर चिंताजनक है। यह विशेष रूप से वर्ष 2025 के विधानसभा चुनावों के संदर्भ में महत्वपूर्ण है। इस प्रक्रिया में लगभग 8 करोड़ मतदाता शामिल हैं, जिनसे कठोर दस्तावेजों की मांग की जा रही है।


प्रवासी मजदूरों के लिए चुनौतियाँ

संजय सिंह ने कहा कि विशेष रूप से प्रवासी मजदूरों, छात्रों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए यह प्रक्रिया लगभग असंभव हो गई है, क्योंकि उनके पास केवल आधार कार्ड जैसे पहचान दस्तावेज हैं। यह एक ऐसा दस्तावेज है जिसे सरकार ने व्यापक पहचान प्रमाण के रूप में मान्यता दी है, लेकिन इस पुनरीक्षण में इसे अस्वीकार किया जा रहा है।


मतदाता सूची में गड़बड़ी का प्रभाव

उन्होंने यह भी कहा कि 2003 के बाद मतदाता सूची में जोड़े गए नागरिकों से अब उनके माता-पिता की जन्मतिथि और जन्म स्थान का प्रमाण मांगा जा रहा है, जो ग्रामीण और अशिक्षित समुदायों के लिए लगभग असंभव है।

संजय सिंह ने कहा कि जनवरी 2023 में प्रवासी मजदूरों को दूरस्थ मतदान का जो आश्वासन दिया गया था, वह अब विफल होता दिखाई दे रहा है। यह लोकतंत्र के मौलिक मूल्यों के खिलाफ है और संविधान के अनुच्छेद 326 में निहित सार्वभौमिक मताधिकार के अधिकार का उल्लंघन है।


संजय सिंह की मांग

संजय सिंह ने कहा कि मतदाता सूची में किसी भी गड़बड़ी का सीधा असर लोकतंत्र की निष्पक्षता पर पड़ता है। उन्होंने मांग की कि बिहार में चल रहे SIR अभियान की जांच की जाए और इसे तुरंत रोका जाए, ताकि सभी मतदाताओं को निष्पक्ष और सरल तरीके से पुनरीक्षण की सुविधा मिल सके।