बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण पर सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
उच्चतम न्यायालय ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। यह निर्णय राज्य में आगामी चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी, जहां न्यायालय याचिकाकर्ताओं और चुनाव आयोग के पक्ष को सुनेगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य मतदाता सूची को अद्यतन और सटीक बनाना है, जिसमें नए मतदाताओं को जोड़ना और मृत मतदाताओं के नाम हटाना शामिल है।
Jul 7, 2025, 13:58 IST
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सुप्रीम कोर्ट ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर रोक लगाने से किया इनकार
उच्चतम न्यायालय ने बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर रोक लगाने की याचिका को खारिज कर दिया है। यह निर्णय राज्य में होने वाले आगामी चुनावों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है। न्यायालय ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 10 जुलाई की तारीख निर्धारित की है।यह मामला उन याचिकाकर्ताओं द्वारा दायर किया गया था, जिन्होंने चुनाव आयोग द्वारा बिहार में चल रही मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इस प्रक्रिया में कुछ अनियमितताएं हो सकती हैं, जो चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस पर कोई स्थगन आदेश जारी करने से मना कर दिया है।
यह निर्णय इस बात का संकेत है कि न्यायालय इस मामले पर गंभीरता से विचार करने से पहले कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहता। मतदाता सूची का पुनरीक्षण एक मानक प्रक्रिया है, जिसे चुनाव आयोग चुनावों से पहले सुनिश्चित करता है कि सूची अद्यतन और सटीक हो। इसमें नए मतदाताओं को जोड़ना, मृत मतदाताओं के नाम हटाना और पतों में बदलाव को अपडेट करना शामिल है।
अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी, जब सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर विस्तृत सुनवाई करेगा और याचिकाकर्ताओं की दलीलों के साथ-साथ चुनाव आयोग के पक्ष को भी सुनेगा। इस बीच, मतदाता सूची पुनरीक्षण का कार्य निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार जारी रहेगा। इस मामले पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी, क्योंकि यह स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया से जुड़ा हुआ है।