बिहार में मानसून की दस्तक: भारी बारिश और अलर्ट जारी

बिहार में मानसून का प्रभाव
बिहार में मानसून: देश के विभिन्न हिस्सों में मानसून ने अपनी उपस्थिति दर्ज करानी शुरू कर दी है. उत्तरकाशी में 5 अगस्त को बादल फटने के बाद, इसका असर आसपास के राज्यों में भी देखने को मिल रहा है. अब बिहार में मौसम तेजी से बदल रहा है, और राज्यभर में जोरदार बारिश शुरू हो गई है. पिछले 24 घंटों में कई क्षेत्रों में भयंकर बारिश, गरज-चमक के साथ वज्रपात ने लोगों को चिंतित कर दिया है. पूर्णिया में रिकॉर्ड 270.6 मिमी बारिश हुई है, जिसके चलते पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया गया है. राजधानी पटना में भी मानसूनी बादलों की दस्तक से जनजीवन प्रभावित हो रहा है.
19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट
पटना स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने अगले कुछ दिनों के लिए 19 जिलों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. इसके अलावा कुछ अन्य जिलों में येलो अलर्ट भी जारी किया गया है, जिसमें लोगों को सावधानी बरतने की सलाह दी गई है. हवा की रफ्तार, बिजली गिरने और जलभराव के कारण स्थिति और खराब हो सकती है.
येलो अलर्ट वाले जिले
येलो अलर्ट वाले जिलों में पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, गोपालगंज, सिवान, सारण, वैशाली, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, दरभंगा, बक्सर, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, अरवल और औरंगाबाद शामिल हैं. यहां भी तेज बारिश, आंधी और बिजली गिरने की संभावना है.
तेज हवा और वज्रपात का खतरा
अलर्ट वाले क्षेत्रों में हवा की गति 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है. इसके साथ ही तेज गर्जना और वज्रपात की भी आशंका है. ऐसे में खुले मैदानों और ऊंचे पेड़ों से दूर रहने की सलाह दी गई है.
एडवाइजरी में क्या कहा गया
मौसम विभाग ने लोगों से अपील की है कि भारी बारिश की स्थिति में सुरक्षित स्थानों पर शरण लें. जलभराव और बाढ़ की स्थिति में ऊंचे इलाकों की ओर जाने की सलाह दी गई है. किसानों को भी सलाह दी गई है कि वे खेतों में जाने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य लें. बिहार में सबसे अधिक बारिश पूर्णिया में दर्ज की गई है.
जलस्तर की निगरानी
एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी दिव्या शक्ति ने कहा, 'हम लगातार नदी में बढ़ते जलस्तर की निगरानी कर रहे हैं और सभी राहत केंद्रों को चिन्हित कर वहां आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराने की तैयारी कर ली गई है.'
सोशल मीडिया पर अपडेट
#WATCH दानापुर, पटना (बिहार): अनुमंडल पदाधिकारी दिव्या शक्ति ने कहा, "हम लोग के द्वारा लगातार नदी में बढ़ते जलस्तर की निगरानी की जा रही है साथ ही सभी राहत केंद्र को चिन्हित करके वहां पर जो भी मूल्यभूत सुविधाएं होनी चाहिए उसके लिए तैयारी कर ली गई है इसके साथ ही लोगों के वहां से निकलने के लिए नवों की व्यवस्था की गई है...." https://t.co/1nUfvqEuDs pic.twitter.com/PJzurvOfgs
— News Media (@NewsMedia) August 6, 2025