बिहार में राजकीय उच्च पथों का चौड़ीकरण: नई योजनाएं और विकास

बिहार में सड़कों का विकास
बिहार में लगभग 900 किलोमीटर राजकीय उच्च पथों को कम से कम दो लेन चौड़ा करने का कार्य शुरू हो चुका है। पथ निर्माण विभाग ने इस दिशा में कदम उठाए हैं। सरकार का उद्देश्य है कि इनमें से कुछ सड़कों को फोर लेन में भी विकसित किया जाए, जिसके लिए केंद्र सरकार को जल्द ही एक प्रस्ताव भेजा जाएगा।
एक अनुमान के अनुसार, स्टेट हाईवे के चौड़ीकरण में लगभग 10,000 करोड़ रुपये का खर्च आने की संभावना है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, वर्ष 2005 में राज्य में केवल 14,468 किलोमीटर सड़कें थीं, जो अब बढ़कर 26,081 किलोमीटर हो गई हैं। इनमें से 6,147 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्ग हैं, जबकि 3,638 किलोमीटर स्टेट हाईवे और 16,296 किलोमीटर एमडीआर (वृहद जिला पथ) हैं।
सड़कों के विकास के कारण, राज्य के किसी भी कोने से पटना पहुंचने की योजना को 2016 में पूरा किया गया था। इस वर्ष, सरकार ने पांच घंटे में पटना पहुंचने का लक्ष्य हासिल किया है। अब, राज्य के किसी भी कोने से चार घंटे में पटना पहुंचने की योजना पर काम शुरू किया गया है, जिसे 2027-28 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हाल ही में विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इसमें यह पाया गया कि लगभग 900 किलोमीटर स्टेट हाईवे अभी भी सिंगल या इंटरमीडिएट लेन में हैं, जो कि राज्य के कुल स्टेट हाईवे का एक चौथाई है। इसे ध्यान में रखते हुए, विभाग ने सभी स्टेट हाईवे को कम से कम दो लेन चौड़ा करने का निर्णय लिया है।
चूंकि स्टेट हाईवे जिला से प्रखंड मुख्यालयों को जोड़ने वाली सड़कें होती हैं, इसलिए विभाग ने इन सड़कों के चौड़ीकरण की योजना पर कार्य शुरू कर दिया है। विभाग यह देख रहा है कि इनमें से कौन सी सड़कें राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में विकसित की जा सकती हैं और किन सड़कों को दो लेन से अधिक चौड़ा किया जा सकता है, ताकि आम लोग कम समय में पटना आ-जा सकें।
फुटओवर ब्रिज का निर्माण
सड़कों के चौड़ीकरण के साथ-साथ, विभाग ने राज्य की प्रमुख सड़कों पर फुटओवर ब्रिज (एफओबी) बनाने का निर्णय लिया है। चूंकि हिट एंड रन मामलों में अधिकतर शिकार पैदल चलने वाले लोग होते हैं, इसलिए इस समस्या से निपटने के लिए सड़क सुरक्षा परिषद की बैठक में विचार किया गया। इसके बाद यह तय हुआ कि पटना सहित राज्य के अन्य जिलों की प्रमुख सड़कों पर एफओबी का निर्माण किया जाएगा, जिससे लोगों को सड़क पार करने में कोई कठिनाई न हो और वाहनों का संचालन भी निर्बाध रूप से हो सके।