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बिहार में राज्यसभा चुनाव: एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर

बिहार में राज्यसभा की पांच सीटों के लिए चुनाव की तैयारी जोरों पर है। एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलेगी। एनडीए के पास 202 विधायक हैं, जबकि महागठबंधन के पास 35 वोट हैं। राजद के प्रेमचंद्र गुप्ता फिर से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं। जानिए इस चुनावी समीकरण में कौन सी पार्टी किस तरह की रणनीति अपनाएगी।
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बिहार में राज्यसभा चुनाव: एनडीए और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर

बिहार में राज्यसभा सीटों का चुनाव

बिहार में पांच राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं, जिन पर मार्च में चुनाव होने वाले हैं। एनडीए के पास 202 विधायक हैं, जबकि इन सीटों को जीतने के लिए 205 वोटों की आवश्यकता होगी। एक सीट के लिए 41 वोटों की जरूरत है। दूसरी ओर, महागठबंधन के पास 35 वोट हैं, ओवैसी की पार्टी के पास पांच और बसपा का एक विधायक है। यदि महागठबंधन ओवैसी और बसपा के साथ मिलकर चुनाव लड़े, तो वे एक सीट जीत सकते हैं। लेकिन यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सत्तारूढ़ भाजपा और जनता दल यू तीन वोटों की कमी के कारण एक राज्यसभा सीट गंवाने देंगे या उसे जीतने का प्रयास करेंगे?


इस बीच, पांचवीं सीट के लिए लड़ाई की तैयारी शुरू हो गई है। कहा जा रहा है कि राजद के प्रेमचंद्र गुप्ता फिर से चुनावी मैदान में उतरेंगे। उल्लेखनीय है कि जदयू और राजद की दो-दो सीटें खाली हो रही हैं, जबकि एक सीट उपेंद्र कुशवाहा की है। राजद के दो कारोबारी, अमरेंद्रधारी सिंह और प्रेम गुप्ता, रिटायर हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, राजद प्रेम गुप्ता को फिर से उम्मीदवार बनाने की योजना बना रहा है। वे बिहार और झारखंड से मिलाकर पांच बार राज्यसभा सांसद रह चुके हैं और छठी बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। उनके पास अनुभव और संसाधन हैं, इसलिए यदि वे उम्मीदवार बनते हैं, तो पांचवीं सीट की लड़ाई दिलचस्प होगी। यह देखना होगा कि एनडीए की ओर से कौन उम्मीदवार होता है।