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बिहार में रेलवे नेटवर्क का विस्तार: कोडरमा-बरकाकाना लाइन का दोहरीकरण

बिहार में रेलवे नेटवर्क का विस्तार हो रहा है, जिसमें कोडरमा-बरकाकाना रेलवे लाइन का दोहरीकरण शामिल है। यह परियोजना 3063 करोड़ रुपये की लागत से की जाएगी, जिससे पटना से रांची की यात्रा तेज और आसान हो जाएगी। इस लाइन के दोहरीकरण से लाखों लोगों को लाभ होगा, और यात्रा का समय भी कम होगा। जानें इस परियोजना की विशेषताएँ और इसके सामाजिक प्रभाव।
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बिहार में रेलवे नेटवर्क का विस्तार: कोडरमा-बरकाकाना लाइन का दोहरीकरण

बिहार रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास


बिहार रेलवे नेटवर्क: बिहार में रेलवे कनेक्टिविटी को और मजबूत किया जाएगा। इस दिशा में, पटना से रांची के बीच रेल मार्ग का दोहरीकरण 3063 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा। इससे यात्रा आसान और तेज हो जाएगी। राज्य में सबसे छोटे रेल मार्ग को स्वीकृति मिल चुकी है, जिससे लाखों लोगों को लाभ होगा।


कोडरमा-बरकाकाना रेलवे लाइन का महत्व

बिहार और झारखंड के बीच रेल संपर्क को और मजबूत करने के लिए कोडरमा-बरकाकाना रेलवे लाइन का दोहरीकरण किया जाएगा। कैबिनेट की बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दी गई। 133 किलोमीटर लंबी इस रेलवे लाइन के दोहरीकरण से पटना से रांची की दूरी कम होगी, जिससे यात्रा का समय भी घटेगा।


पटना से रांची का सबसे छोटा मार्ग

पटना से रांची का सबसे छोटा रेलमार्ग

कोडरमा-बरकाकाना रेलवे लाइन का दोहरीकरण 3,063 करोड़ रुपये की लागत से होगा। इस लाइन पर दो ट्रैक होने से ट्रेनों की गति में वृद्धि होगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा और कोयला लदान में भी वृद्धि होगी।


लोगों को मिलने वाला लाभ

लाखों लोगों को लाभ मिलेगा

पटना-कोडरमा-बरकाकाना-रांची मार्ग झारखंड के चार जिलों को कवर करेगा, जिसमें कोडरमा, चतरा, हजारीबाग और रामगढ़ शामिल हैं। इससे लगभग 15 लाख लोगों और 938 गांवों को सीधा लाभ होगा।


प्रोजेक्ट की विशेषताएँ

120 की स्पीड से चलेंगे ट्रेनें

इस परियोजना में 17 बड़े पुल, 42 रोड ओवरब्रिज (ROB), 13 रोड अंडरब्रिज (RUB) और 180 छोटे पुल बनाए जाएंगे। डबल लाइन होने से इस रूट पर हर साल 30.4 मिलियन टन अधिक माल ढोया जा सकेगा। ट्रेनें इस मार्ग पर 120 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी।