बिहार में विकास की नई लहर, एनडीए पर जनता का विश्वास: अनुराग ठाकुर

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी
पटना/बिहार: पूर्व केंद्रीय मंत्री और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के संदर्भ में पटना के बांकीपुर में एनडीए के उम्मीदवार नितिन नवीन और अररिया की सिकटी विधानसभा से विजय कुमार मंडल के नामांकन कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि एनडीए के शासन में बिहार ने विकास की गति पकड़ी है, और इस बार भी जनता एनडीए सरकार पर भरोसा जताएगी।
बिहार का ऐतिहासिक महत्व
अनुराग ठाकुर ने कहा, “बिहार की धरती बुद्ध, चाणक्य और जयप्रकाश नारायण की है। यह वही बिहार है जिसने देश को दिशा दी और लोकतंत्र को मजबूती प्रदान की। आज बिहार विकास की नई कहानी लिखने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने लगातार विकास कार्य किए हैं। पिछले एक दशक में केंद्र सरकार ने राज्य को अभूतपूर्व वित्तीय सहायता प्रदान की है, जिससे बिहार की समृद्धि की राह खुली है। मोदी सरकार के दौरान, बिहार को मिलने वाली आर्थिक सहायता 2014-24 के दौरान ₹9.23 लाख करोड़ तक पहुंच गई है।”
विकास की उपलब्धियां
उन्होंने आगे कहा, “एनडीए सरकार ने बिहार के सर्वांगीण विकास में कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। इनमें 2 नए एयरपोर्ट का निर्माण, 6 नए एयरपोर्ट की स्वीकृति, 5 एक्सप्रेस-वे, 2 एम्स, और पटना में मेट्रो का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, 1.5 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण और उज्ज्वला योजना के तहत 1 करोड़ एलपीजी गैस कनेक्शन दिए गए हैं। रेलवे ट्रैक के विस्तार में भी अभूतपूर्व गति आई है, जहां 2014 से 2025 के बीच औसत 172.6 किलोमीटर नए ट्रैक प्रतिवर्ष बने हैं।”
रेलवे और सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में सुधार
अनुराग ठाकुर ने बताया, “बिहार में रेलवे का विस्तार केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे यात्रियों को बेहतर सुविधाएं भी मिल रही हैं। 2014 से अब तक 115 नई ट्रेनों की शुरुआत हुई है। पिछले एक दशक में रेलवे बजट में भी अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, जो लगभग नौ गुना बढ़कर ₹10,066 करोड़ हो गया है। सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर में भी पिछले कुछ वर्षों में अभूतपूर्व प्रगति हुई है, जहां लगभग 90 प्रतिशत राष्ट्रीय राजमार्ग अब डबल लेन या उससे अधिक चौड़े हैं।”
समाज के विभिन्न वर्गों के लिए योजनाएं
उन्होंने कहा, “एनडीए सरकार ने बिहार की माताओं-बहनों को पंचायती राज व्यवस्था में 50% हिस्सेदारी और सरकारी नौकरियों में 35% आरक्षण दिया है। बुजुर्गों, विधवाओं और दिव्यांगों की पेंशन को ₹400 से बढ़ाकर ₹1100 किया गया है। अब तक 50 लाख से अधिक रोजगार भी प्रदान किए गए हैं।”