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बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट का विशेष अभियान शुरू

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए 'विशेष गहन पुनरीक्षण' अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत मतदाता अब बिना किसी कागजी दस्तावेज के अपने वोटर फॉर्म जमा कर सकते हैं। आयोग का दावा है कि 94 प्रतिशत फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं, और यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है। जानें इस अभियान के बारे में और कैसे यह मतदाताओं के लिए राहत का कारण बन सकता है।
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बिहार में वोटर लिस्ट का विशेष अभियान

बिहार में विधानसभा चुनावों की तैयारी के तहत चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट को अपडेट करने के लिए एक विशेष अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान का नाम 'विशेष गहन पुनरीक्षण' (SIR) रखा गया है, जिसका उद्देश्य सभी मतदाताओं की जानकारी को सही करना है। आयोग का कहना है कि अब तक 94 प्रतिशत फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं, लेकिन कुछ मतदाताओं को इस प्रक्रिया में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इन समस्याओं को हल करने के लिए आयोग ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है, जो मतदाताओं के लिए राहत का कारण बन सकता है।
चुनाव आयोग ने मतदाताओं को एक बड़ी सुविधा दी है। अब उन्हें अपने वोटर फॉर्म को बिना किसी कागजी दस्तावेज के जमा करने की अनुमति मिल गई है। पहले जहां दस्तावेजों की आवश्यकता थी, वहीं अब इस नए नियम के तहत संबंधित निर्वाचन अधिकारी स्थानीय जांच या अन्य साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लेंगे। यदि मतदाता दस्तावेज प्रस्तुत करते हैं, तो प्रक्रिया में आसानी होगी, लेकिन बिना दस्तावेज के भी फॉर्म स्वीकार किए जाएंगे।
इसके अलावा, यदि किसी मतदाता के पास हाल की फोटो नहीं है, तो वह बिना फोटो के भी फॉर्म भरकर जमा कर सकता है। हालांकि, जो लोग 2003 की वोटर लिस्ट में नहीं हैं, उन्हें जन्मतिथि और जन्मस्थान से संबंधित दस्तावेज जमा करने होंगे ताकि उनका नाम लिस्ट में शामिल किया जा सके।
चुनाव आयोग ने यह भी स्पष्ट किया है कि बिना दस्तावेज के फॉर्म जमा करने वाले मतदाताओं का नाम ड्रॉफ्ट वोटर लिस्ट में शामिल किया जाएगा। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से की जा सकती है, और मतदाताओं को यह फॉर्म बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के पास 26 जुलाई तक जमा करना होगा। इसके बाद ही उनका नाम वोटर लिस्ट में शामिल होगा।
हाल के आंकड़ों के अनुसार, बिहार में वोटर लिस्ट के इस एसआईआर अभियान ने तेजी पकड़ ली है। अब तक कुल 7.96 करोड़ रजिस्टर्ड वोटर्स में से लगभग 94 प्रतिशत फॉर्म वितरित किए जा चुके हैं। इनमें से 1.04 करोड़ गणना फॉर्म वापस एकत्र किए गए हैं, जो कुल 13.19 प्रतिशत है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि मतदाताओं की भागीदारी में वृद्धि हो रही है और प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
इस प्रक्रिया में राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट (बीएलए) भी सक्रिय रूप से सहायता कर रहे हैं। लगभग 1.55 लाख बीएलए रोजाना अपने क्षेत्रों में गणना फॉर्म भरवाने में मदद कर रहे हैं, जिसमें से हर बीएलए 50 प्रमाणित फॉर्म हर दिन जमा करने की क्षमता रखता है। यह प्रक्रिया न केवल चुनाव आयोग के लिए चुनौतीपूर्ण है, बल्कि यह राज्य की राजनीति और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए भी महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है.