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बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई तेज

बिहार विधानसभा में 2024 के फ्लोर टेस्ट के दौरान विधायकों की खरीद-फरोख्त और अपहरण के मामलों में आर्थिक अपराध इकाई ने जांच को तेज कर दिया है। जदयू विधायक सुधांशु शेखर द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। इंजीनियर सुनील को इस मामले में आरोपी बनाया गया है, और उन्हें पूछताछ के लिए नोटिस भी दिया गया है। आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए सत्ता पक्ष अपने विरोधियों पर कार्रवाई कर रहा है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
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बिहार में विधायकों की खरीद-फरोख्त पर आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई तेज

बिहार विधानसभा में चल रही जांच

बिहार समाचार: बिहार विधानसभा में 2024 के फ्लोर टेस्ट के दौरान विधायकों की कथित खरीद-फरोख्त और अपहरण के मामलों में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने अपनी जांच को तेज कर दिया है। इस चर्चित मामले में अब अभियुक्तों पर कार्रवाई शुरू हो गई है।


इंजीनियर सुनील का संबंध RJD से

जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने 2024 के फ्लोर टेस्ट के दौरान पटना के कोतवाली थाना में एफआईआर संख्या 101/24 के तहत गंभीर आरोप दर्ज कराया था। इस एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की धाराएँ 342 (गलत तरीके से रोकना), 343, 346, 34 (सामूहिक अपराध), 120बी (आपराधिक साजिश), और 365 (अपहरण) शामिल हैं। इस मामले में राष्ट्रीय जनता दल से जुड़े इंजीनियर सुनील को आरोपी बनाया गया है, जो पटना के किदवईपुरी क्षेत्र के निवासी हैं।


10 करोड़ रुपये का ऑफर

मधुबनी के हरलाखी से जदयू विधायक सुधांशु शेखर ने आरोप लगाया है कि जदयू विधायकों को महागठबंधन के पक्ष में वोट देने के लिए 10 करोड़ रुपये का ऑफर दिया गया था। इसके अलावा, दूसरे विधायक कृष्ण मुरारी शरण को मंत्री पद का प्रस्ताव भी दिया गया था। सुधांशु शेखर ने जदयू विधायक डॉ. संजीव पर जदयू के ही विधायकों बीमा भारती और दिलीप राय के अपहरण का मामला दर्ज कराया था।


इंजीनियर के आवास पर नोटिस

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए इसे कोतवाली थाना से आर्थिक अपराध इकाई को सौंपा गया था। ईओयू ने अब आरोपी इंजीनियर सुनील के दोनों आवासों पर विधिवत नोटिस तामील कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, यह नोटिस पूछताछ के लिए तलब करने और जांच में सहयोग सुनिश्चित करने के लिए जारी किया गया है।


विधानसभा चुनाव से पहले कार्रवाई

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए सत्ता पक्ष अपने विरोधियों पर शिकंजा कस रहा है। सूत्रों से पता चला है कि इस मामले में भी उच्च नेतृत्व से कार्रवाई की जा रही है। आने वाले दिनों में और भी बड़ी कार्रवाई की संभावना है।