बिहार में वोटर आईडी में सीएम नीतीश का फोटो: चुनाव आयोग की लापरवाही पर सवाल

बिहार विधानसभा चुनाव और वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण
बिहार चुनाव: इस वर्ष बिहार में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। असली मतदाताओं की पहचान के लिए चुनाव आयोग ने वोटर लिस्ट के पुनरीक्षण के लिए एक व्यापक अभियान (SIR) शुरू किया है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी अवैध मतदाता मतदान में भाग न ले सके। हालांकि, इस निर्णय का विरोध कई राजनीतिक दल कर रहे हैं। इसी बीच, एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है।
मधेपुरा नगर परिषद की 30 वर्षीय अभिलाषा कुमारी के वोटर आईडी कार्ड में उनका पता गलत था। सुधार के लिए उन्होंने सरकारी प्रक्रिया का पालन किया। अधिकारियों ने फॉर्म के अनुसार नया पता अपडेट किया और वोटर आईडी को डाक द्वारा उनके घर भेज दिया।
जब अभिलाषा ने अपना वोटर आईडी खोला, तो पता तो सही था, लेकिन कार्ड पर उनकी तस्वीर की जगह बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की फोटो थी। इस तस्वीर में नीतीश कुमार धूप से बचने के लिए हाथ से आंखों को ढकते हुए नजर आ रहे हैं। अभिलाषा के पति, चंदन कुमार, ने इसे सरकार की बड़ी लापरवाही बताया और मामले की जांच की मांग की। जानकारी के अनुसार, इस मामले की जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं और जिम्मेदार बूथ लेवल अधिकारी (BLO) को स्पष्टीकरण देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है।
BLO ने मामले को छिपाने का प्रयास किया
चंदन कुमार जब इस मामले की शिकायत करने के लिए बूथ लेवल अधिकारी (BLO) के पास गए, तो वह भी इस घटना से हैरान रह गए। चंदन का दावा है कि BLO ने उन्हें इस मामले को किसी और को बताने से मना किया।
A shocking and shameful incident has surfaced from Bihar where a woman’s voter ID card in Madhepura district features the face of CM Nitish Kumar instead of her own photograph.
Reports of similar bizarre, erroneous voter IDs are pouring in from across states. And what is… pic.twitter.com/iEA2qfFpBA
— All India Trinamool Congress (@AITCofficial) July 10, 2025
TMC ने चुनाव आयोग से उठाए सवाल
बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच सभी राजनीतिक दलों की नजर इस मामले पर है। तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने इस घटना को चौंकाने वाला और शर्मनाक बताया। पार्टी ने चुनाव आयोग को टैग करते हुए 7 सवाल पूछे, जिनमें शामिल हैं: ऐसी गलतियों की निगरानी कैसे हो रही है?, वर्तमान में कितने दोषपूर्ण वोटर पहचान पत्र प्रचलन में हैं?, कौन से राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?, पिछले चुनावों पर इसका क्या प्रभाव पड़ा है?, क्या सुधारात्मक कार्रवाई की जा रही है?, और चुनाव आयोग यह सुनिश्चित कैसे करेगा कि मतदाता अपने अधिकारों से वंचित न हों?