बिहार विधानसभा चुनाव 2025: 40 सीटों पर कांटे की टक्कर

बिहार चुनाव की रणनीति
2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में अब मुकाबला उन 40 सीटों पर केंद्रित हो गया है, जहां 2020 में जीत और हार का अंतर बहुत कम था। बीजेपी इन सीटों को 'गोल्डन जोन' मानती है, जबकि महागठबंधन के लिए ये अवसर है 'पिछली गलतियों की भरपाई' करने का। इन सीटों पर हर एक वोट निर्णायक साबित हो सकता है, इसलिए सभी राजनीतिक दल इन पर अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं। कुल 243 सीटों में से 40 सीटें ऐसी हैं, जिन पर जीत और हार का अंतर 3,500 वोटों से भी कम रहा।
कांटे की टक्कर वाली 11 सीटें
हिलसा – जेडीयू के कृष्णमुरारी शरण ने आरजेडी के शक्ति सिंह यादव को केवल 12 वोटों से हराया।
बरबीघा – जेडीयू के सुदर्शन कुमार ने कांग्रेस के गजननंद साहनी को 113 वोटों से मात दी।
भोरे – जेडीयू के सुनील कुमार ने सीपीआई (एमएल) के जितेन्द्र पासवान को 462 वोटों से हराया।
डेहरी – आरजेडी के फतेह बहादुर ने बीजेपी के सत्य नारायण को 464 वोटों से हराया।
मतिहानी – एलजेपी के राज कुमार सिंह ने जेडीयू के नरेंद्र कुमार सिंह को 333 वोटों से हराया।
रामगढ़ – आरजेडी के सुधाकर सिंह ने बीएसपी की अंबिका सिंह को 189 वोटों से हराया।
बछवाड़ा – बीजेपी के सुरेन्द्र मेहता ने सीपीआई के अवधेश कुमार राय को 484 वोटों से हराया।
बखरी – सीपीआई (एमएल) के सूर्यकांत पासवान ने बीजेपी के रमेश पासवान को 777 वोटों से हराया।
चकाई – निर्दलीय सुमित कुमार सिंह ने आरजेडी की सावित्री देवी को 581 वोटों से हराया।
कुढ़नी – आरजेडी के अनिल कुमार सहनी ने बीजेपी को 712 वोटों से हराया।
परबत्ता – जेडीयू के डॉ. संजीव कुमार ने आरजेडी के दिगंबर प्रसाद त्यागी को 951 वोटों से हराया।
अन्य महत्वपूर्ण सीटें
आरा – लगभग 3,002 वोट, बीजेपी की जीत।
भागलपुर – लगभग 2,950 वोट, कांग्रेस जीती।
गोपालगंज – लगभग 2,200 वोट, बीजेपी की जीत।
मधुबनी – लगभग 2,000 वोट, आरजेडी की जीत।
कल्याणपुर – लगभग 1,193 वोट, जेडीयू की जीत।
रामनगर – लगभग 1,750 वोट, बीजेपी की जीत।
धुरैया – लगभग 3,060 वोट, आरजेडी की जीत।
परिहार – 1,569 वोट से बीजेपी की जीत।
झाझा – लगभग 1,700 वोट, जेडीयू की जीत।
सकरा – लगभग 2,250 वोट, जेडीयू की जीत।
महागठबंधन और NDA की रणनीति
बीजेपी और एनडीए ने इन सीटों पर जीत के लिए एक ठोस योजना बनाई है। उनकी रणनीति है कि 'माइक्रो मैनेजमेंट से अधिकतम सीटें' जीती जाएं। बूथ स्तर पर डिजिटल डेटा का उपयोग और पीएम मोदी की रैलियों का आयोजन किया जा रहा है। दूसरी ओर, महागठबंधन ने भी इन सीटों पर अपनी ताकत झोंकी है। आरजेडी अपने यादव-मुस्लिम वोट बैंक को एकजुट करने में जुटी है।
प्रशांत किशोर की एंट्री इस चुनाव में एक नया मोड़ ला सकती है। उनकी उपस्थिति से शहरी ब्राह्मण और भूमिहार वोटों पर असर पड़ सकता है, जो बीजेपी के लिए चुनौती बन सकता है।