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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए चुनाव आयोग ने अंतिम मतदाता सूची जारी की है, जिसमें कुल 7.42 करोड़ मतदाता शामिल हैं। इस सूची में 22 लाख नए मतदाता जोड़े गए हैं, जबकि 4 लाख अपात्र मतदाता हटाए गए हैं। गोपालगंज जिले में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं, जबकि महिलाओं की संख्या में कमी आई है। आयोग का मानना है कि 2025 में मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है, क्योंकि सूची अब अधिक सटीक है।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए अंतिम मतदाता सूची जारी

बिहार में मतदाता संख्या का अद्यतन

Bihar Voter List 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले चुनाव आयोग ने मंगलवार को राज्य की अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन किया। यह सूची विशेष सघन पुनरीक्षण प्रक्रिया के बाद जारी की गई है। वर्तमान में बिहार में कुल 7.42 करोड़ मतदाता हैं, जो कि 24 जून को दर्ज मतदाताओं की संख्या से 47 लाख कम है, जबकि 1 अगस्त को जारी मसौदा सूची से यह 18 लाख अधिक है।


मतदाता सूची में बदलाव की प्रक्रिया

आयोग ने बताया कि नामांकन दाखिल करने से 10 दिन पहले तक मतदाता सूची में नाम जोड़े और हटाए जा सकते हैं। इसलिए आगामी विधानसभा चुनाव से पहले इसमें और संशोधन संभव हैं। इस बार की वृद्धि मुख्य रूप से फॉर्म 6 के माध्यम से 22 लाख नए मतदाताओं के जुड़ने से हुई है, जबकि मसौदा सूची से 4 लाख अपात्र मतदाताओं को हटाया गया है।


नाम हटाने वाले जिलों का विश्लेषण

सबसे अधिक और सबसे कम नाम हटाए जाने वाले जिले


जिला स्तर पर आंकड़ों के अनुसार, गोपालगंज जिले में सबसे अधिक नाम हटाए गए हैं, जहां महिलाओं के नाम पुरुषों की तुलना में अधिक हटाए गए हैं। गोपालगंज के अलावा किशनगंज, पूर्णिया, मधुबनी और भागलपुर भी उन शीर्ष जिलों में शामिल हैं जहां बड़ी संख्या में नाम हटाए गए। वहीं, शेखपुरा, अरवल और नालंदा जैसे जिलों में सबसे कम नाम हटाए गए हैं।


महिलाओं की संख्या में कमी

पुरुषों के मुकाबले महिलाओं की संख्या अधिक


महिला मतदाताओं के नाम हटने की प्रवृत्ति पुरुषों की तुलना में अधिक रही है। आयोग के आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 को प्रति हजार पुरुष मतदाताओं पर महिला मतदाताओं की संख्या 914 थी, जो 1 अगस्त को घटकर 893 और 30 सितंबर को और कम होकर 892 रह गई। इसका मतलब है कि इस पुनरीक्षण प्रक्रिया में महिलाओं की तुलना में पुरुष मतदाता सूची में अपेक्षाकृत अधिक बने रहे।


मतदान प्रतिशत में संभावित वृद्धि

बिहार में सबसे कम मतदान दर्ज


विश्लेषण के अनुसार, मतदाताओं की कुल संख्या में कमी का मतलब यह नहीं है कि मतदान में कमी आएगी। 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार में प्रमुख राज्यों की तुलना में सबसे कम मतदान दर्ज किया गया था। चुनाव आयोग का कहना है कि जिन मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, वे वास्तव में अपात्र थे। ऐसे में संभावना है कि 2025 विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ सकता है, क्योंकि सूची अब अधिक सटीक मानी जा रही है। आयोग का कहना है कि मतदाता सूची की अंतिम सटीकता का आकलन आगामी जनगणना के परिणाम सामने आने के बाद ही संभव होगा।