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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की नई रणनीति और उम्मीदवारों की चर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी में भाजपा ने अपनी रणनीति को मजबूत करने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की। इस बैठक में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने आगामी चुनावों के लिए संभावित उम्मीदवारों और उन सीटों पर चर्चा की, जहां पिछली बार हार का सामना करना पड़ा था। भाजपा का लक्ष्य इस बार अधिक सीटें जीतकर अपनी स्थिति को मजबूत करना है। जानें इस बैठक में क्या निर्णय लिए गए और पार्टी की नई दिशा क्या होगी।
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बिहार विधानसभा चुनाव 2025: भाजपा की नई रणनीति और उम्मीदवारों की चर्चा

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारी

Bihar Assembly Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। शनिवार की शाम को भाजपा की चुनाव समिति की महत्वपूर्ण बैठक पटना में पार्टी के मुख्यालय में आयोजित की गई, जिसमें आगामी चुनाव की रणनीति और संभावित उम्मीदवारों पर गहन चर्चा की गई। पार्टी ने विशेष ध्यान उन सीटों पर केंद्रित किया है, जहां 2020 में हार का सामना करना पड़ा था, जिन पर रविवार को फिर से विचार किया जाएगा।


भाजपा की बैठक में प्रमुख नेता शामिल

इस बैठक की अध्यक्षता केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की, जिसमें उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, गिरिराज सिंह, सांसद रवि शंकर प्रसाद और बिहार के उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सहित कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए।


60 सीटों पर भाजपा की रणनीति

बैठक में कुल 60 सीटों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जहां भाजपा पिछली बार मजबूत स्थिति बनाने में असफल रही थी। बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि आज की बैठक में इन 60 सीटों पर चर्चा की गई। उन्होंने यह भी बताया कि अगले दिन बाकी सीटों पर चर्चा की जाएगी, जिन पर पार्टी ने पहले जीत हासिल की थी या हार का सामना किया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि एनडीए गठबंधन में 'बड़ा-छोटा भाई' की राजनीति को कोई स्थान नहीं दिया जाएगा।


नेतृत्व और विकास पर जोर

उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने विकास, सुशासन और जनकल्याण के नए मानक स्थापित किए हैं। जायसवाल ने एनडीए गठबंधन की मजबूती पर भी जोर देते हुए कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने वो कार्य किए हैं जो विपक्ष केवल वादों में कर रहा था।


उम्मीदवारों के चयन में बदलाव के संकेत

दिल्लीप जायसवाल ने संकेत दिए कि अच्छे प्रदर्शन करने वाले मौजूदा विधायकों को फिर से मौका दिया जा सकता है, जबकि जिन क्षेत्रों में एंटी-इनकंबेंसी अधिक है, वहां नए चेहरों को टिकट दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि संभावित चुनावी भागीदारी का निर्णय शीर्ष नेतृत्व करेगा। फिलहाल, मैं बिहार बीजेपी में एक अभिभावक की भूमिका निभा रहा हूं।


पिछली बार के आंकड़े और आगे की चुनौतियां

2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 243 सीटों में से 110 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 74 सीटें जीती थीं। इस बार पार्टी का लक्ष्य अधिक सीटें जीतकर बिहार में अपनी स्थिति को मजबूत करना है।