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बिहार विधानसभा चुनाव: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राजनीतिक दलों की चुप्पी पर उठे सवाल

बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए जारी ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राजनीतिक दलों की चुप्पी ने सवाल उठाए हैं। चुनाव आयोग ने बताया कि 1 से 9 अगस्त के बीच किसी भी दल ने औपचारिक आपत्ति नहीं की। इस प्रक्रिया के तहत, नागरिकों को 1 सितंबर तक अपने नाम जोड़ने या हटाने का अवसर दिया गया है। विपक्ष ने इस पर चिंता जताई है कि दस्तावेज़ों की कमी के कारण सही मतदाता सूची से बाहर हो सकते हैं। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी।
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बिहार विधानसभा चुनाव: ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राजनीतिक दलों की चुप्पी पर उठे सवाल

चुनाव आयोग की ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राजनीतिक दलों की चुप्पी

चुनाव आयोग की जानकारी: बिहार में आगामी विधानसभा चुनावों से पहले जारी की गई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट पर राजनीतिक दलों की चुप्पी चर्चा का विषय बन गई है। चुनाव आयोग ने बताया कि 1 अगस्त को सूची जारी होने के बाद से 9 अगस्त तक किसी भी राजनीतिक दल ने नाम जोड़ने या हटाने के लिए कोई औपचारिक आपत्ति नहीं की है।


आयोग के अनुसार, यह प्रारंभिक सूची 1 सितंबर तक जन प्रतिक्रिया के लिए खुली रहेगी। इस दौरान कोई भी व्यक्ति या राजनीतिक संगठन योग्य मतदाताओं के नाम जोड़ने या अवैध नामों को हटाने के लिए आवेदन कर सकते हैं।


चुनाव आयोग के समक्ष कोई औपचारिक आपत्ति नहीं

यह चौंकाने वाला है कि 1 से 9 अगस्त के बीच किसी भी दल के बूथ स्तर के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग के समक्ष कोई औपचारिक आपत्ति नहीं जताई। हालांकि, इसी अवधि में 7,252 नागरिकों ने आयोग से संपर्क कर अपने नाम को सूची में शामिल करने या हटाने के लिए आवेदन दिया है।


निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी योग्य मतदाता को सूची से बाहर नहीं रखा जाएगा। ऐसे किसी भी व्यक्ति का नाम सूची में नहीं रहेगा, जो मतदाता के योग्य नहीं है। आयोग ने सभी से आग्रह किया है कि यदि ड्राफ्ट में कोई गलती हो, तो वे समय पर दावे और आपत्तियां दर्ज करवाएं।


विपक्ष की चिंताएं

यह ध्यान देने योग्य है कि यह प्रक्रिया 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन' (SIR) के तहत की जा रही है, जिसके बारे में विपक्ष ने पहले ही चिंता जताई है। उनका आरोप है कि दस्तावेज़ों की कमी के कारण बड़ी संख्या में सही मतदाताओं को लिस्ट से बाहर किया जा सकता है। इस मुद्दे पर संसद में भी विपक्षी दलों ने हंगामा किया था।


अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन

चुनाव आयोग ने दोहराया है कि अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर को प्रकाशित की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर योग्य मतदाता का नाम सूची में मौजूद हो। आयोग सभी नागरिकों से भागीदारी की अपील कर रहा है, ताकि पारदर्शिता बनी रहे।