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बिहार विधानसभा चुनाव: तेजस्वी यादव ने गठबंधन वार्ता की पुष्टि की

बिहार विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच, तेजस्वी यादव ने गठबंधन वार्ता की पुष्टि की है। उन्होंने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर चिंता जताई है, खासकर चिराग पासवान को मिली जान से मारने की धमकी के संदर्भ में। इस बीच, व्यापारी विक्रम झा की हत्या ने सुरक्षा की स्थिति को और चिंताजनक बना दिया है। जानें इस राजनीतिक परिदृश्य में क्या हो रहा है और जनता की सुरक्षा पर इसका क्या प्रभाव पड़ सकता है।
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राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे की चर्चा

बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर चर्चा तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने शनिवार को बताया कि भाजपा और उसके सहयोगी दलों के बीच गठबंधन पर बातचीत चल रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर साझा किया कि गठबंधन की समन्वय समिति और उप-समितियों की बैठक में चुनाव से संबंधित मुद्दों पर गंभीर और सकारात्मक चर्चा हुई है। यह संकेत करता है कि राजनीतिक समीकरणों को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है।


इस बीच, तेजस्वी यादव ने राज्य में बिगड़ती कानून व्यवस्था पर केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाए। उन्होंने केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को मिली जान से मारने की धमकी के संदर्भ में कहा कि बिहार में जंगलराज की वापसी हो चुकी है। यह बयान राज्य में बढ़ती हिंसा और सुरक्षा के मुद्दे को लेकर चिंता का विषय है।


चिराग पासवान को मिली धमकी के बारे में लोजपा के प्रवक्ता राजेश भट्ट ने बताया कि एक उपयोगकर्ता ने इंस्टाग्राम पर पासवान को जान से मारने की धमकी दी है। इस मामले में पटना के साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई गई है, जो डिजिटल सुरक्षा और कानून के प्रभावशीलता पर सवाल उठाता है।


कानून व्यवस्था की स्थिति का एक और उदाहरण पटना के रामकृष्ण नगर में व्यापारी विक्रम झा की हालिया हत्या है। झा, जो एक छोटे व्यवसाय के मालिक थे, को एक अज्ञात हमलावर ने गोली मारी। अस्पताल ले जाते समय उनकी मृत्यु हो गई। तेजस्वी यादव ने इस घटना के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया, यह बताते हुए कि राज्य में सुरक्षा की स्थिति बेहद नाजुक है।


राजनीतिक संघर्षों के बीच जनता की सुरक्षा और शांति की चिंता कहीं पीछे रह जाती है। चुनावी समीकरणों और गठबंधनों के प्रयास लोकतांत्रिक प्रक्रिया का हिस्सा हैं, लेकिन आम लोगों की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की स्थिति को नजरअंदाज करना स्वीकार्य नहीं है।