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बिहार विधानसभा चुनाव में 17 राजनीतिक दलों की भागीदारी पर रोक

भारतीय निर्वाचन आयोग ने बिहार में 17 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को आगामी विधानसभा चुनाव में भाग लेने से रोक दिया है। यह निर्णय जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत लिया गया है, जिसमें 334 दलों को सूची से हटाया गया है। आयोग ने इन दलों की 6 वर्षों की निष्क्रियता और गैर-मौजूद पते को मुख्य कारण बताया है। जानें इस फैसले के पीछे की पूरी कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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बिहार विधानसभा चुनाव में 17 राजनीतिक दलों की भागीदारी पर रोक

निर्वाचन आयोग का निर्णय


नई दिल्ली/पटना: बिहार में 17 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल आगामी विधानसभा चुनाव में भाग नहीं ले सकेंगे। भारतीय निर्वाचन आयोग ने जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29ए के तहत 334 गैर-मान्यता प्राप्त दलों को अपनी सूची से हटा दिया है, जिनमें से 17 दल बिहार से हैं।


कुल 334 दलों को हटाने का कारण

चुनाव आयोग ने हाल ही में 334 दलों को अपनी सूची से हटाया है। अब देश में कुल 2854 पंजीकृत गैर मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों में से केवल 2520 शेष रह गए हैं। आयोग ने इन दलों को हटाने का मुख्य कारण उनकी 6 वर्षों की निष्क्रियता और गैर-मौजूद पते को बताया है। नियमों के अनुसार, यदि कोई दल लगातार 6 साल तक चुनाव नहीं लड़ता है, तो उसका पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।