बीएसएफ जवान की बांग्लादेशी सीमा में जबरन खींचने की घटना

बीएसएफ जवान का अपहरण
बीएसएफ जवान: बुधवार सुबह मालदा-मुर्शिदाबाद सीमा पर एक चौंकाने वाली घटना हुई, जब सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के एक जवान को चांदनी चौक सीमा चौकी के पास बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह द्वारा जबरन बांग्लादेश की सीमा में खींच लिया गया। यह घटना 71वीं बटालियन के जवान श्री गणेश के साथ हुई, जो चार घंटे की कूटनीतिक बातचीत के बाद सुरक्षित लौट आए।
घटना की जांच
प्रारंभिक रिपोर्टों में कहा गया कि जवान संदिग्ध घुसपैठियों का पीछा करते हुए गलती से बांग्लादेश की सीमा में चला गया था। हालांकि, बीएसएफ की आंतरिक जांच ने इस दावे को खारिज करते हुए पुष्टि की कि जवान भारतीय क्षेत्र में था जब उसे जबरन बांग्लादेश ले जाया गया। बीएसएफ के सूत्रों के अनुसार, जवान को बांग्लादेश के चनपई-नवाबगंज जिले के सत्राशिया गांव में स्थानीय लोगों ने हिरासत में लिया।
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो
वायरल वीडियो और मारपीट के आरोप:
इस घटना से संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहा है, जिसमें जवान को केले के पेड़ से बांधे हुए दिखाया गया है। वीडियो में कुछ लोग जवान को गालियाँ देते और कथित तौर पर मारपीट करते नजर आ रहे हैं। हालांकि, कुछ स्थानीय लोगों ने हस्तक्षेप कर जवान को और नुकसान से बचाया और उसे बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) के हवाले कर दिया। बीएसएफ अधिकारियों ने मारपीट के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जवान को कोई शारीरिक चोट नहीं आई।
बीएसएफ अधिकारी की प्रतिक्रिया
बीएसएफ अधिकारी का बयान:
बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा, "जवान मानवीय दृष्टिकोण बनाए रखने की कोशिश कर रहा था और इसलिए उसने बांग्लादेशी नागरिकों को सामान्य ग्रामीण समझकर अपने करीब आने दिया। लेकिन वे अपराधी निकले और उन्होंने उसे पकड़ लिया और अंदर ले गए। हम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाएंगे।"
सुरक्षित वापसी और भविष्य की रणनीति
सुरक्षित वापसी:
बीएसएफ और बीजीबी के बीच फ्लैग मीटिंग के बाद जवान को सुरक्षित भारतीय सीमा में वापस लाया गया। बीएसएफ ने इस घटना को गंभीरता से लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने का आश्वासन दिया है। यह घटना सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की आवश्यकता को उजागर करती है।