बीएसएफ जवान दिनेश मलिक की वीरता: पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की कहानी

बीएसएफ जवान दिनेश मलिक: पाकिस्तान की पोस्ट को ध्वस्त करने की अद्भुत कहानी
बीएसएफ के जवान दिनेश मलिक ने हरियाणा का नाम रोशन किया है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत उन्होंने एक पाकिस्तानी पोस्ट को सफलतापूर्वक नष्ट कर दिया।
गांव गांधरा, रोहतक के इस बहादुर जवान ने 10 दिनों तक सीमा पर डटे रहकर मुकाबला किया। लगातार 24 घंटे की ड्यूटी के बावजूद उनकी हिम्मत नहीं टूटी। उनकी इस बहादुरी के लिए बीएसएफ उन्हें मेडल से सम्मानित करेगी। जब वह अपने गांव लौटे, तो ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया।
गांव में भव्य स्वागत: गर्व का क्षण
जब दिनेश मलिक अपने गांव गांधरा पहुंचे, तो हरियाणा गर्व से झूम उठा। रोहतक जिले के इस गांव में ग्रामीणों ने उनका भव्य स्वागत किया। उन्हें कार में बैठाकर पूरे गांव में घुमाया गया।
ढोल-नगाड़ों की गूंज के बीच लोग उनके साथ नाचते रहे। हर किसी की आंखों में सम्मान था। यह पल हरियाणा के जवान की वीरता का जश्न था।
ऑपरेशन सिंदूर: पाकिस्तान को करारा जवाब
8 मई 2025 की रात को तनाव बढ़ गया। सात जवान सीमा पर तैनात थे, जब पाकिस्तानी पोस्ट से गोलीबारी शुरू हुई। बीएसएफ जवान दिनेश मलिक और उनकी टीम को आधुनिक हथियार दिए गए। उन्हें पाकिस्तान की फायरिंग का जवाब देने का आदेश मिला।
दिनेश की टीम ने मुंहतोड़ जवाब दिया और पाकिस्तानी पोस्ट को नष्ट कर दिया। ऑपरेशन सिंदूर 2025 में यह एक बड़ी जीत थी।
वीरता की मिसाल: मेडल से सम्मानित
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान बौखला गया। दिनेश मलिक ने उनकी हरकतों का जवाब देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। बीएसएफ की इस वीरता की कहानी में वह हीरो बन गए।
बीएसएफ ने उनके लिए मेडल सम्मान का ऐलान किया। दिनेश मलिक ने सीमा सुरक्षा को मजबूत किया और उनकी हिम्मत ने दुश्मन को सबक सिखाया।
गांव से देश तक: दिनेश की प्रेरणादायक कहानी
रोहतक में बीएसएफ जवान दिनेश मलिक की वीरता की चर्चा हो रही है। गांधरा गांव का यह लाल बचपन से ही देशभक्त था। ऑपरेशन सिंदूर में उन्होंने साबित किया कि हौसला बुलंद हो, तो दुश्मन हार जाता है।
पाकिस्तानी गोलीबारी के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी। गांव में उनका स्वागत धूमधाम से हुआ। यह कहानी हर भारतीय को गर्वित करती है।