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बीबीएमबी ने रवनीत बिट्टू के खिलाफ 17 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया

भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ने केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें 17 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन सरकारी आवासों के लिए है, जिन्हें उन्होंने खाली नहीं किया। बिट्टू का नाम अब भी कांग्रेस कार्यालय के रजिस्ट्रेशन में है, जबकि वह भाजपा में शामिल हो चुके हैं। इस मामले ने राजनीतिक हलकों में चर्चा को जन्म दिया है।
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बीबीएमबी ने रवनीत बिट्टू के खिलाफ 17 लाख रुपये का रिकवरी नोटिस जारी किया

रवनीत बिट्टू पर बीबीएमबी की कार्रवाई

चंडीगढ़: केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू के खिलाफ भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (बीबीएमबी) ने महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बोर्ड ने उन्हें सरकारी आवास खाली न करने के कारण 17 लाख रुपये से अधिक का रिकवरी नोटिस जारी किया है।


सूत्रों के अनुसार, नंगल में रवनीत सिंह बिट्टू को आवंटित दो मकानों के लिए बोर्ड ने पेनल्टी जमा करने का निर्देश दिया है। ये मकान 2009 से 2014 के बीच कांग्रेस के सांसद रहते हुए उन्हें आवंटित किए गए थे। उस समय उन्हें मकान नंबर 45-1 और 48-1 दिए गए थे। हालांकि, उन्हें इन मकानों को बाद में खाली करना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।


इनमें से एक मकान अब भी कांग्रेस पार्टी के कार्यालय के रूप में उपयोग किया जा रहा है। बीबीएमबी ने कई बार नोटिस भेजकर घर खाली करने का अनुरोध किया, लेकिन बिट्टू ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। बिना अनुमति के कब्जा बनाए रखने के कारण बोर्ड ने पेनल्टी लगाना शुरू कर दिया और अब 17 लाख रुपये से अधिक की रिकवरी के लिए नोटिस जारी किया गया है।


यह मामला तब और बढ़ गया जब यह पता चला कि नंगल में स्थित कांग्रेस कार्यालय अभी भी बिट्टू के नाम पर रजिस्टर्ड है।


बीबीएमबी का कहना है कि नियम सभी के लिए समान हैं। यदि कोई आवास आवंटित होने के बाद समय पर खाली नहीं किया जाता या किराया नहीं दिया जाता, तो बोर्ड को पेनल्टी लगाने और रिकवरी नोटिस जारी करने का अधिकार है। बिट्टू के खिलाफ भी यही प्रक्रिया अपनाई गई है।


यह ध्यान देने योग्य है कि बिट्टू अब कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो चुके हैं और केंद्र सरकार में मंत्री हैं। इस कारण से मामला और भी चर्चा में है। हालांकि, इस पर मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।