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बीमा कंपनी पर रिटायर्ड बैंक कर्मचारी की जीत, डेंटल क्लेम का भुगतान होगा

एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी ने अपनी बीमा कंपनी के खिलाफ दो साल की लंबी लड़ाई के बाद जीत हासिल की है। बीमा लोकपाल ने आदेश दिया है कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को कर्मचारी के दांतों की सर्जरी और रूट कैनाल ट्रीटमेंट का पूरा क्लेम चुकाना होगा। यह फैसला न केवल इस कर्मचारी के लिए, बल्कि भविष्य में कई अन्य लोगों के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा। जानें इस मामले की पूरी कहानी और इसके पीछे की जटिलताएं।
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बीमा कंपनी पर रिटायर्ड बैंक कर्मचारी की जीत, डेंटल क्लेम का भुगतान होगा

बीमा लोकपाल का ऐतिहासिक फैसला

एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी ने अपनी बीमा कंपनी के खिलाफ दो साल की लंबी लड़ाई के बाद सफलता प्राप्त की है। बीमा लोकपाल ने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड को आदेश दिया है कि वह कर्मचारी के दांतों की सर्जरी और रूट कैनाल ट्रीटमेंट का पूरा क्लेम चुकाए। यह निर्णय भविष्य में कई लोगों के लिए लाभकारी साबित होगा।


इस मामले की शुरुआत इंडियन ओवरसीज बैंक के रिटायर्ड कर्मचारी के. दुर्गा संबाशिव राव की पत्नी के दांतों के इलाज से हुई, जिसके लिए उन्होंने 70,847 रुपये का क्लेम दायर किया था। हालांकि, नेशनल इंश्योरेंस कंपनी ने इसे "कॉस्मेटिक सर्जरी" बताते हुए भुगतान से इनकार कर दिया।


इसके बाद, एसोसिएशन (ARISE) ने इस मामले को दो साल तक लड़ा और बीमा पॉलिसी के क्लॉज 2.12 का हवाला दिया, जिसमें दांतों से संबंधित इलाज को कवर करने की बात कही गई है।


पिछले हफ्ते, हैदराबाद स्थित बीमा लोकपाल ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कर्मचारी के पक्ष में फैसला सुनाया। लोकपाल ने कहा कि कंपनी ने पॉलिसी की शर्तों को गलत तरीके से समझा और क्लेम को खारिज करना अनुचित था।


एसोसिएशन के उप महासचिव सीएसआर अंजनयुलु ने इसे एक ऐतिहासिक निर्णय बताया, जो उन सभी लोगों के लिए मददगार होगा जिनका डेंटल ट्रीटमेंट का क्लेम कंपनियां गलत कारणों से खारिज कर देती हैं। अब नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को अगले 30 दिनों के भीतर क्लेम का पूरा भुगतान करना होगा।