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बुलंदशहर गैंगरेप मामले में दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा

बुलंदशहर में 2016 में हुए गैंगरेप और लूटकांड के मामले में अदालत ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ने पीड़ित किशोरी और उसकी मां को न्याय दिलाने के लिए कड़ा फैसला सुनाया। इस मामले में सीबीआई ने जांच की थी, जिसमें कई आरोपियों के नाम सामने आए। जानिए इस मामले की पूरी कहानी और अदालत के फैसले के पीछे की वजहें।
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बुलंदशहर गैंगरेप मामले में दोषियों को मिली उम्रकैद की सजा

विशेष न्यायालय का कड़ा फैसला

बुलंदशहर- वर्ष 2016 में नेशनल हाईवे-91 पर घटित गैंगरेप और लूटकांड के मामले में विशेष पॉक्सो न्यायाधीश ओपी वर्मा ने पांच दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही प्रत्येक पर 1.81 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। अदालत ने आदेश दिया कि जुर्माने की आधी राशि पीड़ित किशोरी और उसकी मां को दी जाएगी। पीड़ित परिवार ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।


अभियोजन पक्ष की दलीलें

सजा सुनाते समय अभियोजन पक्ष के एडीजीसी वरुण कौशिक ने कहा कि ऐसे अपराधियों को सभ्य समाज से दूर रखना आवश्यक है। वहीं, दोषियों ने सजा सुनने के बाद खुद को निर्दोष बताते हुए फैसले पर आपत्ति जताई। इस मामले में कुल छह आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें से एक आरोपी की पहले ही बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। दो अन्य आरोपियों को अलग-अलग मामलों में पुलिस के एनकाउंटर में मार दिया गया है।


घटना का विवरण

28 जुलाई 2016 की रात की घटना
घटना उस रात की है जब नोएडा का एक परिवार अपने पैतृक गांव शाहजहांपुर में तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल होने जा रहा था। देहात कोतवाली क्षेत्र में दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास बदमाशों ने उनकी कार को रोकने के लिए उस पर लोहे की वस्तु फेंकी। इसके बाद सभी परिजनों को बंधक बनाकर खेत में ले जाया गया, जहां तीन पुरुषों के हाथ-पैर बांध दिए गए और 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया। वारदात के बाद आरोपी लूटपाट कर फरार हो गए।


पुलिस की लापरवाही और सीबीआई जांच

पुलिस की कार्रवाई
मामले की प्रारंभिक जांच में स्थानीय पुलिस की लापरवाही उजागर हुई, जिसके चलते एसएसपी सहित 17 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई। पहले गिरफ्तार किए गए तीन आरोपी निर्दोष पाए गए। इसके बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश पर मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई।

सीबीआई की जांच में बावरिया गिरोह से जुड़े आरोपियों के नाम सामने आए, जिनमें जुबैर उर्फ सुनील उर्फ परवेज, सलीम उर्फ बीना उर्फ दीवानजी और साजिद शामिल हैं। साक्ष्यों के आधार पर इन तीनों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई और 11 अप्रैल 2017 को आरोप तय किए गए। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने दोषियों को उम्रकैद की सजा सुनाकर पीड़ितों को न्याय दिलाया है।