बुलंदशहर में नीम के पेड़ गिरने से युवक की मौत, गांव में शोक की लहर

दर्दनाक घटना ने क्षेत्र को झकझोर दिया
बुलंदशहर के खुर्जा-छतारी मार्ग पर बुधवार को गांव बान में एक दुखद घटना ने सभी को हिला दिया। अचानक आई तेज हवाओं के कारण एक पुराना नीम का पेड़ सड़क किनारे खड़े एक युवक पर गिर गया, जिससे उसकी मौके पर ही जान चली गई। यह घटना न केवल स्थानीय निवासियों के लिए सदमे का कारण बनी, बल्कि सीसीटीवी में कैद वीडियो के वायरल होने के बाद यह चर्चा का विषय बन गई है।
युवक की पहचान और घटना का विवरण
गांव बनैल के निवासी 48 वर्षीय नीरज शर्मा, जो दिल्ली में एक सुरक्षा कंपनी में कार्यरत थे, अपनी ननिहाल गांव सरभन्ना जाने के लिए निकले थे। इस दौरान, वे अपनी मां और मौसी का इंतजार करते हुए सड़क किनारे बाइक पर बैठे थे। अचानक आई तेज हवाओं ने वहां खड़े नीम के पेड़ को गिरा दिया, जो सीधे नीरज पर गिर गया और उन्हें दबा दिया।
सीसीटीवी फुटेज में कैद हुई घटना
सीसीटीवी में कैद हुई घटना
इस घटना का वीडियो पास के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गया। फुटेज में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि नीरज पेड़ के पास खड़े थे और अचानक एक तेज आवाज के साथ पेड़ गिर पड़ा। आसपास के लोग चीखते हुए नजर आते हैं और तुरंत उनकी मदद करने की कोशिश करते हैं। लोगों ने किसी तरह पेड़ को हटाकर नीरज को बाहर निकाला और अस्पताल ले गए, लेकिन डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यह वीडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर तेजी से फैल गया।
गांव में शोक और प्रशासन से मांग
गांव में छाया मातम
नीरज शर्मा की मृत्यु से गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिवार का हाल बेहाल है। मृतक के पीछे पत्नी, दो बेटे मणिकांत और नमन, और एक बेटी गुनगुन हैं। ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में कई पुराने और जर्जर पेड़ हैं, जो कभी भी बड़े हादसे का कारण बन सकते हैं। उन्होंने प्रशासन से ऐसे पेड़ों को जल्द हटाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।
आर्थिक सहायता की अपील
आर्थिक सहायता की मांग
स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से मृतक के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करने की अपील की है। उनका कहना है कि नीरज परिवार के मुखिया थे और उनकी अचानक मृत्यु से परिवार आर्थिक संकट में आ गया है। ग्रामीणों ने सरकार से अनुरोध किया है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा और सहायता दी जाए, ताकि वे अपने जीवन को फिर से संभाल सकें। यह घटना एक चेतावनी है कि प्राकृतिक आपदाओं के समय जर्जर पेड़ किस प्रकार लोगों की जिंदगी पर भारी पड़ सकते हैं।