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बृजभूषण दादरी विवाद: विनेश फोगाट के अपमान का प्रतिशोध?

बृजभूषण दादरी विवाद ने हरियाणा के चरखी दादरी में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। 6 जुलाई को होने वाले एक सम्मान समारोह में बृजभूषण शरण सिंह के शामिल होने का विरोध हो रहा है, जिसके पीछे विनेश फोगाट के अपमान का आरोप है। स्थानीय लोग और खाप पंचायतें इस कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं, जिससे यह मुद्दा महिला पहलवानों के सम्मान और स्थानीय गर्व का प्रतीक बन गया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया।
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बृजभूषण दादरी विवाद: विनेश फोगाट के अपमान का प्रतिशोध?

बृजभूषण दादरी विवाद का संक्षिप्त परिचय

बृजभूषण दादरी विवाद: विनेश फोगाट के अपमान का प्रतिशोध?: बृजभूषण दादरी विवाद ने हरियाणा के चरखी दादरी में राजनीतिक और सामाजिक हलचल पैदा कर दी है। भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष और पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह का 6 जुलाई 2025 को दादरी में आयोजित कार्यक्रम का विरोध बढ़ता जा रहा है।


कार्यक्रम का विवरण और विरोध के कारण

यह विवाद 6 जुलाई को बौंद कलां में होने वाले एक सम्मान समारोह के इर्द-गिर्द घूमता है। यह समारोह चरखी दादरी की रचना परमार के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिन्होंने वियतनाम में अंडर-17 एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता। बृजभूषण को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है।


हालांकि, जगबीर घसोला ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण ने विनेश फोगाट का अपमान किया, जिससे स्थानीय लोगों में आक्रोश उत्पन्न हुआ है। चरखी दादरी, विनेश का गृह जिला होने के कारण, इस कार्यक्रम के प्रति स्थानीय लोगों की भावनाएं नकारात्मक हैं।


खाप पंचायतों और किसानों की प्रतिक्रिया

जगबीर घसोला ने खाप पंचायतों से इस कार्यक्रम का विरोध करने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जनप्रतिनिधि बृजभूषण के साथ कार्यक्रम में शामिल होते हैं, तो उन्हें चुनावी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।


घसोला ने कहा कि बृजभूषण का दादरी आना शांति भंग कर सकता है और उन्होंने सरकार से उनके दौरे पर रोक लगाने की मांग की है। यह विरोध विनेश फोगाट के सम्मान और स्थानीय भावनाओं की रक्षा के लिए एक संघर्ष बन गया है।


स्थानीय लोगों की एकजुटता और भविष्य की दिशा

बृजभूषण दादरी विवाद ने स्थानीय समुदाय को एकजुट कर दिया है। जगबीर घसोला ने लोगों से इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने और शांति बनाए रखने की अपील की है। यह विवाद केवल बृजभूषण के दौरे से संबंधित नहीं है, बल्कि यह महिला पहलवानों के सम्मान और स्थानीय गर्व का भी प्रश्न है।


अब सरकार और प्रशासन पर दबाव है कि वे इस मामले में उचित कदम उठाएं। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे इस मुद्दे पर जागरूक रहें और शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रखें।