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बेंगलुरु भगदड़: RCB और BCCI पर कर्नाटक सरकार के गंभीर आरोप

बेंगलुरु में एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के मामले ने नया मोड़ लिया है। कर्नाटक सरकार ने RCB और BCCI पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आयोजकों ने न तो अनुमति ली थी और न ही सुरक्षा प्रबंध किए थे। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान, सरकार ने बताया कि स्टेडियम की क्षमता 33,000 थी, लेकिन वहां 3.5 से 4 लाख लोग पहुंचे। जानें इस मामले में और क्या हुआ और किस तरह की लापरवाही सामने आई।
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बेंगलुरु भगदड़: RCB और BCCI पर कर्नाटक सरकार के गंभीर आरोप

बेंगलुरु में हुई दर्दनाक भगदड़ का नया मोड़

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान जाने की घटना ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। कर्नाटक सरकार ने इस मामले में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि इस कार्यक्रम के लिए न तो कोई अनुमति ली गई थी और न ही सुरक्षा के लिए कोई प्रबंध किए गए थे।


आयोजन की अनुमति पर सवाल

सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने अदालत में बताया कि आयोजकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से सभी को आमंत्रित किया, लेकिन प्रवेश और टिकट के संबंध में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि स्टेडियम की क्षमता 33,000 है, जबकि वहां 3.5 से 4 लाख लोग पहुंच गए।


‘विजय यात्रा’ की अनुमति का अभाव

राज्य सरकार ने कोर्ट में कहा कि आयोजकों ने न तो परेड के लिए और न ही स्टेडियम में किसी समारोह के लिए प्रशासन से अनुमति मांगी। एडवोकेट जनरल ने कहा, "उन्होंने केवल सूचना दी थी, अनुमति नहीं मांगी। उन्होंने अपनी योजना बनाई और उसे लागू कर दिया।"


सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाने का आरोप

सरकार ने RCB पर आरोप लगाया कि उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए फैंस को गुमराह किया। पोस्ट में लिखा गया था कि सभी समर्थक आएं और टीम का समर्थन करें, लेकिन कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए, जिससे बड़ी संख्या में लोग स्टेडियम पहुंच गए।


RCB और BCCI के बीच करार पर सवाल

सरकार ने कहा कि RCB और BCCI के बीच एक करार था, जिसके तहत सुरक्षा, गेट और टिकटिंग की जिम्मेदारी RCB की थी। पहले अदालत में RCB, DNA और KSCA के बीच तीन-पक्षीय करार का जिक्र हुआ था, लेकिन अब सरकार ने स्पष्ट किया कि असली करार RCB और BCCI के बीच था।


अदालत में RCB पर गुमराह करने का आरोप

एडवोकेट जनरल ने कोर्ट में कहा, "RCB इस अदालत में गलत जानकारी के साथ आई है। उन्होंने इसे एक सरकारी कार्यक्रम दिखाने की कोशिश की, जबकि यह एक निजी कार्यक्रम था।"


लापरवाही का दावा

सरकार ने कहा कि न तो कोई बैरिकेडिंग की गई थी, न संकेत बोर्ड लगाए गए और न ही भीड़ नियंत्रण का कोई इंतजाम किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों की लापरवाही के कारण ही 11 लोगों की जान गई।


जांच CID को सौंपी गई

राज्य सरकार ने बताया कि इस हादसे के तुरंत बाद मजिस्ट्रेट और न्यायिक जांच के आदेश दिए गए थे। साथ ही, जांच को CID को सौंपा गया और कुछ पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया।


RCB के मार्केटिंग हेड पर आरोप

सरकार ने आरोप लगाया कि RCB के मार्केटिंग हेड निखिल सोसले घटना के बाद भागने की कोशिश कर रहे थे। "रात 10:56 बजे उन्होंने फ्लाइट टिकट बुक किया और सुबह की फ्लाइट थी। वह भागने की कोशिश कर रहे थे," सरकार ने कहा।


जिम्मेदारी तय करने की आवश्यकता

कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं के वकील से कहा कि यह नहीं झुठलाया जा सकता कि RCB और DNA के बीच समझौता था और उनकी जिम्मेदारी तय थी। जस्टिस एसआर कृष्ण कुमार इस मामले की सुनवाई कर रहे हैं।