बेंगलुरु में अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई का ऐलान

आग की घटना के बाद उपमुख्यमंत्री की चेतावनी
हाल ही में बेंगलुरु में हुई एक आग की घटना के बाद, उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने नागरिक अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। उन्होंने उन भवनों की पहचान करने और नोटिस जारी करने का आदेश दिया है, जो अवैज्ञानिक तरीके से बनाए गए हैं या जिनकी संरचना कमजोर है। शिवकुमार ने कहा कि ऐसी इमारतों को सुरक्षित करना प्राथमिकता होनी चाहिए ताकि भविष्य में किसी भी त्रासदी से बचा जा सके।उपमुख्यमंत्री ने नागर्थपेट क्षेत्र का दौरा किया, जहां आग ने भारी नुकसान पहुंचाया था। उन्होंने मीडिया से कहा कि कई इमारतें, जो केवल दो या तीन मंजिला होनी चाहिए थीं, वास्तव में आठ मंजिलों की हैं और इनमें से कई रहने योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि अवैध निर्माण या खतरनाक इमारतों को गिराने से पहले एक ढांचागत सर्वेक्षण किया जाएगा।
यह कार्य एक दिन में पूरा नहीं होगा, बल्कि इसमें कई साल लग सकते हैं। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि दिल्ली और मुंबई जैसे बड़े शहरों में भी ऐसी समस्याएं मौजूद हैं। शिवकुमार ने कहा कि तंग गलियों में आग लगने पर भगदड़ मचने की संभावना होती है, जिससे जानमाल का नुकसान हो सकता है।
सरकार की कार्रवाई योजना
डी.के. शिवकुमार ने बताया कि लापरवाह भवन मालिकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज किए गए हैं। घटना में शामिल इमारत के मालिक को गिरफ्तार किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि पुलिस को कानूनी कार्रवाई करने का अधिकार दिया गया है और मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख का मुआवजा दिया जाएगा।
उन्होंने स्पष्ट किया कि कमजोर इमारतों को तुरंत नहीं गिराया जाएगा, लेकिन मालिकों को मरम्मत कराने की चेतावनी दी गई है। यदि ऐसा नहीं किया गया, तो उन्हें सरकारी कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कमजोर ढांचों के ढहने से बड़ी आपदाएं हो सकती हैं और भविष्य में अवैज्ञानिक निर्माण के लिए कोई अनुमति नहीं दी जाएगी।
बेंगलुरु में अवैध निर्माण की स्थिति
शिवकुमार ने बेंगलुरु में अवैध निर्माण की स्थिति पर चिंता व्यक्त की, यह बताते हुए कि लगभग 70 प्रतिशत इमारतें अनधिकृत हैं। उन्होंने कहा कि नए बी.डी.ए. लेआउट में भी इमारतें अनुमेय सीमाओं से बहुत आगे जा रही हैं। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट के बिना पानी और बिजली के कनेक्शन नहीं दिए जाने चाहिए, जिसके कारण चार लाख कनेक्शन ब्लॉक कर दिए गए हैं।
हालांकि, उन्होंने संभावित राहत का संकेत भी दिया कि 30x40 साइटों पर दो मंजिला इमारतों के लिए छूट का प्रस्ताव कैबिनेट के समक्ष रखा जाएगा। यह कदम बेंगलुरु में भवन सुरक्षा और शहरी नियोजन के मानकों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।