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बेंगलुरु में चिट फंड घोटाला: 'फिर हेरा फेरी' की असली कहानी

बेंगलुरु में एक दंपति ने 'ए एंड ए चिट्स एंड फाइनेंस' नामक योजना के तहत लाखों लोगों को ठगा। इस योजना में निवेशकों को 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न का वादा किया गया था, लेकिन जब दंपति लापता हो गए, तो लोगों को ठगी का एहसास हुआ। जानें इस घोटाले की पूरी कहानी और कैसे पुलिस ने मामले की जांच शुरू की है।
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बेंगलुरु में चिट फंड घोटाला: 'फिर हेरा फेरी' की असली कहानी

बॉलीवुड फिल्म का सच

फिल्म 'फिर हेरा फेरी' में एक दृश्य है जिसमें राजू, श्याम और बाबूराव एक योजना के बारे में चर्चा करते हैं, जो 21 दिनों में पैसे दोगुना करने का दावा करती है। वे अपनी सारी पूंजी एक चिट फंड में निवेश कर देते हैं, लेकिन अंततः सब कुछ खो देते हैं। अब, यह कहानी बेंगलुरु में वास्तविकता बन गई है।


बेंगलुरु में चिट फंड का मामला

केरल के एक दंपति, टॉमी और शाइनी, पर आरोप है कि उन्होंने 'ए एंड ए चिट्स एंड फाइनेंस' नामक एक योजना चलाई, जिसमें उन्होंने लोगों को 15 से 20 प्रतिशत रिटर्न का वादा करके करोड़ों की ठगी की। यह चिट फंड लंबे समय से चल रहा था और दिखने में पूरी तरह से वैध था, जिससे निवेशकों का विश्वास बना रहा।


निवेशकों का विश्वास

शुरुआत में इस योजना में निवेश करने वालों को समय पर रिटर्न मिलते रहे, जिससे उनका आत्मविश्वास बढ़ा। लोगों ने अपनी जीवनभर की बचत, बच्चों की शिक्षा के लिए जमा राशि, और चिकित्सा तथा विवाह खर्चों के लिए रखे पैसे भी इस योजना में लगा दिए। कुछ लोग तो अपनी संपत्ति बेचकर भी इसमें निवेश कर चुके थे।


संपर्क का अचानक टूटना

हाल ही में जब निवेशकों को समय पर रिटर्न नहीं मिला और टॉमी-शाइनी से संपर्क नहीं हो पाया, तब लोगों को संदेह हुआ। कार्यालय बंद मिला, फोन स्विच ऑफ थे, और दंपति लापता हो गए। अब तक लगभग 300 से अधिक लोगों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।


पुलिस में दर्ज शिकायत

राममूर्ति नगर थाने में दर्ज एफआईआर के अनुसार, दंपति ने लोगों को सुनियोजित तरीके से आर्थिक जाल में फंसाया। पीड़ितों का कहना है कि इस योजना को 'सुरक्षित निवेश' बताया गया था, और कई लोगों ने अपने परिवार की वित्तीय सुरक्षा इस पर दांव पर लगा दी थी।


कंपनी की आर्थिक स्थिति

सूत्रों के अनुसार, 'ए एंड ए चिट्स एंड फाइनेंस' पिछले कुछ महीनों से आर्थिक संकट में थी। माना जा रहा है कि दंपति ने लापता होने से पहले अपनी चल और अचल संपत्तियाँ बेच दी हैं। पुलिस अब उनकी तलाश कर रही है और यह संदेह गहरा रहा है कि वे बेंगलुरु छोड़कर भाग चुके हैं।