बेंगलुरु में तेंदुए के हमले से 13 वर्षीय बच्चे की सुरक्षा पर सवाल

बेंगलुरु में तेंदुए का हमला
बेंगलुरु में तेंदुए का हमला: शुक्रवार को बेंगलुरु के बनरघट्टा बायोलॉजिकल पार्क में एक तेंदुए ने 13 वर्षीय बच्चे पर हमला कर दिया। यह घटना उस समय हुई जब सफारी वाहन पर्यटकों को पार्क का दौरा करा रहा था। रिपोर्टों के अनुसार, वाहन एक स्थान पर रुका था और अचानक तेंदुआ खिड़की से अंदर कूद पड़ा, जिससे बच्चे को गंभीर चोटें आईं।
घायल बच्चे को तुरंत नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसका इलाज जारी है। बच्चे की पहचान सुहास के रूप में हुई है, जो बोम्मासंद्रा का निवासी है। वह अपने माता-पिता के साथ छुट्टियां मनाने सफारी पर आया था। इस घटना ने पार्क की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
घटना का वायरल वीडियो
घटना का वायरल वीडियो
A 13-year-old boy was attacked by a leopard at the Bannerghatta Biological Park in Bengaluru on Friday afternoon when the boy was on a safari along with his parents. The leopard attacked the boy through the window of the vehicle when the driver had stopped for the visitors to see… pic.twitter.com/K4g7Zu08xL
— Karnataka Portfolio (@karnatakaportf) August 15, 2025
पार्क के कार्यकारी निदेशक का बयान
पार्क के कार्यकारी निदेशक का बयान
घटना के बाद, बनरघट्टा नेशनल पार्क के कार्यकारी निदेशक ने सोशल मीडिया पर एक बयान जारी किया। उन्होंने बताया कि एक 12 वर्षीय बच्चा नॉन-एसी बस सफारी के दौरान तेंदुए के हमले का शिकार हुआ। जब बच्चा बस में चढ़ रहा था, तभी तेंदुए ने झपट्टा मारकर उसके हाथ को घायल कर दिया। अधिकारी ने कहा कि बच्चे को तुरंत प्राथमिक उपचार दिया गया और आगे की जांच के लिए अस्पताल भेजा गया।
सुरक्षा उपायों में बदलाव
ड्राइवरों को दिए गए सख्त निर्देश
प्रशासन ने कहा कि अब सभी नॉन-एसी सफारी वाहनों की खिड़कियों और कैमरा स्लॉट्स को सुरक्षित रूप से ढकने के उपाय किए जा रहे हैं। इसके अलावा, बस ड्राइवरों को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि सफारी के दौरान विशेष सावधानी बरतें और किसी भी तरह की लापरवाही न करें।
स्थानीय लोगों में भय का माहौल
स्थानीय लोगों में भय का माहौल
बनरघट्टा जूलॉजिकल पार्क बेंगलुरु का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है, जहां रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं। हालांकि, हाल के समय में इस पार्क और आसपास के नेशनल पार्क को लेकर कई विवाद सामने आए हैं। मानव और वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ी हैं। अक्सर तेंदुए और हाथी आसपास की रिहायशी कॉलोनियों में देखे जाते हैं, जिससे स्थानीय लोगों में भय का माहौल बना रहता है।
पर्यावरणविदों की चिंता
इस घटना पर जताई चिंता
पर्यावरणविदों ने भी इस घटना पर चिंता जताई है। उनका कहना है कि तेजी से बढ़ता शहरीकरण और पार्क के आसपास नए इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स वन्यजीवों के लिए खतरनाक साबित हो सकते हैं। उनका मानना है कि इससे जंगलों के कॉरिडोर खत्म हो जाएंगे और इंसान-जानवर के बीच टकराव और बढ़ सकता है।