बेल्जियम अदालत ने मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को दी मंजूरी

मेहुल चोकसी का प्रत्यर्पण
नई दिल्ली - बेल्जियम के एंटवर्प में एक अदालत ने भगोड़े हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी के भारत प्रत्यर्पण को स्वीकृति दे दी है। यह घटना भारत के लिए एक महत्वपूर्ण सफलता मानी जा रही है। चोकसी पर पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप है। इस फैसले के बाद, 66 वर्षीय चोकसी के भारत लौटने की संभावनाएं काफी बढ़ गई हैं।
अदालत के इस निर्णय ने चोकसी को एक बड़ा झटका दिया है। वह अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ मिलकर पीएनबी में 13,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में वांटेड है और प्रत्यर्पण की प्रक्रिया का सामना कर रहा है। वर्तमान में, चोकसी लंदन की जेल में बंद है। सीबीआई ने आरोप लगाया है कि चोकसी ने अकेले 6,400 करोड़ रुपये की हेराफेरी की है। बेल्जियम की अदालत में प्रत्यर्पण की प्रक्रिया के दौरान, भारत ने चोकसी के धोखाधड़ी और कानूनी प्रक्रिया से बचने के प्रयासों के सबूत पेश किए। इसके अलावा, सीबीआई ने तीन बार अपनी टीम भेजी और एक यूरोपीय कानूनी फर्म को भी नियुक्त किया।
इस बीच, भारत सरकार ने बेल्जियम को आश्वासन दिया है कि यदि चोकसी को भारत भेजा जाता है, तो उसे मुंबई के आर्थर रोड जेल के बैरक नंबर 12 में रखा जाएगा, जो यूरोपीय सीपीटी मानकों के अनुरूप है। चोकसी को स्वच्छ पेयजल, पर्याप्त भोजन, चिकित्सा सुविधाएं, समाचार पत्र और टीवी उपलब्ध कराए जाएंगे। इसके अलावा, उसे एकांत कारावास का सामना नहीं करना पड़ेगा और प्राइवेट डॉक्टर से इलाज का विकल्प भी दिया जाएगा।