बैंक लॉकर नियम: सुरक्षा और मुआवजे की जानकारी

बैंक लॉकर नियम:
बैंक लॉकर नियम: हाल ही में बेंगलुरु से एक घटना सामने आई, जिसमें एक महिला जब एसबीआई में अपने बैंक लॉकर की जांच करने गई, तो उसे लगा कि उसके 145 ग्राम सोने और हीरे के गहने गायब हो गए हैं। उसने तुरंत बैंक में शिकायत दर्ज कराई और मुआवजे की मांग की। हालांकि, बाद में उसे पता चला कि गहने लॉकर के अंदर गहराई में रखे हुए थे और उसने ठीक से नहीं देखा था।
इस घटना के बाद से लोगों में चिंता का माहौल है। उन्हें डर है कि यदि वास्तव में ऐसा हो जाए और लॉकर से सभी गहने गायब हो जाएं, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। लोग लॉकर की सुरक्षा और ऐसी स्थिति में बैंक की जिम्मेदारी के बारे में सवाल पूछने लगे हैं। हम यहां बैंक लॉकर के नियमों की जानकारी दे रहे हैं।
कौन बनाता है लॉकर के नियम?
भारत में बैंक लॉकर की सुविधा भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नियमों के तहत दी जाती है। इन नियमों के अनुसार, बैंक को यह जानने का अधिकार नहीं है कि ग्राहक ने लॉकर में क्या रखा है। लेकिन यदि बैंक की लापरवाही से लॉकर में चोरी होती है, तो बैंक को ग्राहक को मुआवजा देना पड़ता है। अब सवाल यह उठता है कि लोगों को कितना मुआवजा मिल सकता है।
कितना मिल सकता है मुआवजा:
कितना मिल सकता है मुआवजा: यदि बैंक की गलती साबित होती है, तो बैंक को लॉकर के सालाना किराए का 100 गुना तक मुआवजा देना पड़ सकता है। उदाहरण के लिए, यदि लॉकर का किराया ₹3,000 है, तो बैंक को ₹3,00,000 तक का मुआवजा देना पड़ सकता है। यह देखने के लिए कि इस लापरवाही में बैंक की कोई गलती है या नहीं, सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाती है। यदि बैंक की लापरवाही सामने आती है, तो उसे हर्जाना देना पड़ता है।
हालांकि, यदि आपको अपने लॉकर में कोई गड़बड़ी दिखाई देती है, तो सबसे पहले पुलिस में FIR दर्ज कराएं। फिर बैंक में लिखित शिकायत दें। बैंक से CCTV फुटेज की मांग करें। लेकिन यदि बैंक मदद करने से मना कर देता है, तो आप आरबीआई के बैंकिंग लोकपाल या वित्त मंत्रालय के विशेष विभाग में शिकायत कर सकते हैं।
प्राकृतिक आपदा में क्या होगा:
प्राकृतिक आपदा में क्या होगा: यदि नुकसान किसी प्राकृतिक आपदा जैसे आग या बाढ़ के कारण होता है, तो मुआवजा तभी मिलेगा जब बैंक ने सभी आवश्यक सुरक्षा उपाय नहीं किए हों। यदि बैंक की तरफ से कोई चूक नहीं हुई, तो मुआवजा नहीं मिलेगा। बैंक स्वयं लॉकर में रखे सामान का बीमा नहीं करते। लेकिन ग्राहक चाहें तो बीमा कंपनी से अलग से बीमा खरीद सकते हैं, जो उनके लॉकर में रखे गहनों या कीमती सामान को कवर कर सकता है।