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बैंकों में मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता समाप्त: जानें कौन से 5 बैंक हैं शामिल

हाल ही में, भारत के पांच प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों के लिए मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता को समाप्त करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव करोड़ों ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेगा। जानें कौन से बैंक इस नई सुविधा का लाभ उठा रहे हैं और इससे ग्राहकों को क्या लाभ होगा।
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बैंकों में मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता समाप्त: जानें कौन से 5 बैंक हैं शामिल

बैंकों में मिनिमम बैलेंस की समाप्ति


बैंकों में मिनिमम बैलेंस की समाप्ति: जब भी कोई व्यक्ति बैंक खाता खोलता है, तो उसे एक निश्चित राशि को मिनिमम बैलेंस के रूप में रखना होता है। यदि यह राशि नहीं रखी जाती है, तो बैंक द्वारा जुर्माना लगाया जाता है। हाल ही में, देश के पांच प्रमुख बैंकों ने इस समस्या को समाप्त करने का निर्णय लिया है। आइए जानते हैं इन बैंकों के नाम और नए नियम।


मिनिमम बैलेंस की चिंता से मुक्ति

यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है जो करोड़ों ग्राहकों को वित्तीय स्वतंत्रता प्रदान करेगा।


बैंक ऑफ बड़ौदा

बैंक ऑफ बड़ौदा ने 1 जुलाई 2025 से अपने सभी स्टैंडर्ड बचत खातों में मिनिमम बैलेंस की आवश्यकता को समाप्त करने की घोषणा की है। इससे लाखों ग्राहकों को राहत मिलेगी, क्योंकि उन्हें अब अपने खाते में एक निश्चित राशि बनाए रखने की चिंता नहीं होगी। हालांकि, यह छूट प्रीमियम बचत योजनाओं पर लागू नहीं होगी, इसलिए ग्राहकों को अपने खाते के प्रकार की जांच करनी चाहिए।


इंडियन बैंक

इंडियन बैंक ने भी अपने सभी बचत खातों के लिए न्यूनतम बैलेंस शुल्क को समाप्त कर दिया है। यह नई सुविधा 7 जुलाई, 2025 से लागू होगी, जिससे ग्राहकों को कम बैलेंस की चिंता नहीं रहेगी।


केनरा बैंक

केनरा बैंक ने मई 2025 में घोषणा की थी कि उसके सभी बचत खातों को एएमबी नियमों से छूट दी जाएगी। इसमें नियमित, वेतन और एनआरआई खाते शामिल हैं। यह कदम ग्राहकों की सुविधा के लिए उठाया गया है।


पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी)

पंजाब नेशनल बैंक ने भी सभी बचत खातों पर न्यूनतम बैलेंस न रखने पर जुर्माना समाप्त कर दिया है। इससे ग्राहकों को बिना किसी तनाव के अपने खाते का संचालन करने की स्वतंत्रता मिलेगी।


स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई)

स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने 2020 में ही अपने सभी बचत खातों से मिनिमम बैलेंस का नियम हटा दिया था। इस बदलाव का लाभ करोड़ों ग्राहकों को मिला है।


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