बॉम्बे हाई कोर्ट ने 'अजेय' फिल्म के सर्टिफिकेशन में पारदर्शिता का दिया आदेश

अजेय विवाद:
अजेय विवाद: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को फटकार लगाते हुए फिल्म 'अजेय: द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी' के लिए सर्टिफिकेशन प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने CBFC से कहा है कि वह फिल्म में आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों की स्पष्ट जानकारी प्रदान करे और इसे निर्माताओं के साथ साझा करे। यह आदेश तब आया जब फिल्म निर्माताओं ने CBFC के सर्टिफिकेशन देने से इनकार करने के निर्णय को हाई कोर्ट में चुनौती दी।
सेंसर बोर्ड की मनमानी पर कोर्ट की सख्ती
सेंसर बोर्ड की मनमानी पर कोर्ट की सख्ती: 'अजेय' एक बायोग्राफिकल ड्रामा है, जो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित किताब 'द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर' से प्रेरित है। फिल्म में अनंत जोशी मुख्य भूमिका में हैं और इसे रविंद्र गौतम ने निर्देशित किया है। निर्माताओं का कहना है कि CBFC ने बिना फिल्म देखे ही सर्टिफिकेशन देने से मना कर दिया, जो नियमों का उल्लंघन है। कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि CBFC को फिल्म देखे बिना सर्टिफिकेशन देने से इनकार करने का अधिकार नहीं है।
CM योगी पर आधारित फिल्म को लेकर कोर्ट का बड़ा निर्देश
CM योगी पर आधारित फिल्म को लेकर कोर्ट का बड़ा निर्देश: जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और नीला गोखले की बेंच ने CBFC को 11 अगस्त तक आपत्तिजनक दृश्यों और संवादों की सूची निर्माताओं को देने का आदेश दिया है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सर्टिफिकेशन से इनकार करने का कारण केवल यह नहीं हो सकता कि फिल्म किसी संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति पर आधारित है। निर्माताओं को 12 अगस्त तक इन सुझावों पर अपनी प्रतिक्रिया देने को कहा गया है और इस मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होगी।
सीबीएफसी पर मनमाने ढंग से सर्टिफिकेशन रोकने के आरोप
सीबीएफसी पर मनमाने ढंग से सर्टिफिकेशन रोकने के आरोप: कोर्ट ने CBFC की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि वह अनावश्यक बाधाएं उत्पन्न कर रही है। पहले भी CBFC पर मनमाने ढंग से सर्टिफिकेशन रोकने के आरोप लगे हैं, जैसे 'उड़ता पंजाब' और 'लिपस्टिक अंडर माय बुरखा' के मामलों में।