बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को फटकार लगाई, गाजा के समर्थन में प्रदर्शन की अनुमति पर सवाल उठाए

वामपंथी दलों का प्रदर्शन का प्रयास
मुंबई में वामपंथी दल और अन्य संगठन लंबे समय से गाजा और फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन करने की योजना बना रहे हैं। उनका आरोप है कि मुंबई पुलिस उन्हें अनुमति नहीं दे रही है। इस मुद्दे को लेकर वामपंथी दलों ने हाई कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने मुंबई पुलिस को फटकार लगाई। कोर्ट ने पूछा कि गाजा के समर्थन में प्रदर्शन की अनुमति क्यों नहीं दी जा रही है, जबकि पुणे में इसी तरह के प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी।
अनुमति के लिए कई बार किया गया प्रयास
कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (CPI) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया मार्क्सिस्ट (CPM) ने कई बार मुंबई में गाजा और फिलिस्तीनियों के समर्थन में प्रदर्शन के लिए पुलिस से अनुमति मांगी है। उनका कहना है कि उन्होंने पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी मुलाकात की, लेकिन उन्हें अनुमति नहीं मिली। अंततः उन्हें कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।
हाई कोर्ट की कड़ी टिप्पणी
हाई कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस रवींद्र वी घुगे और जस्टिस गौतम अंखाड़ शामिल थे, ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार लगाई। बेंच ने कहा कि यह केवल हमारे देश की समस्या नहीं है, बल्कि यह एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है। कोर्ट ने पुलिस से पूछा कि जब पुणे में प्रदर्शन की अनुमति दी गई, तो मुंबई में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है।
आजाद मैदान में प्रदर्शन की योजना
वामपंथी दल आजाद मैदान में गाजा में चल रहे युद्ध और सीजफायर की मांग को लेकर प्रदर्शन करना चाहते हैं। उन्होंने 17 जून को मुंबई पुलिस से अनुमति मांगी थी, लेकिन पुलिस ने यह कहते हुए अनुमति देने से मना कर दिया कि इससे शहर का माहौल बिगड़ सकता है।
पुलिस का तर्क: कानून व्यवस्था का खतरा
याचिकाकर्ता का कहना है कि उन्होंने 25 जून और 19 जुलाई को भी प्रदर्शन की अनुमति मांगी थी। पुलिस ने कहा कि अनुमति देने से धार्मिक संगठनों द्वारा बवाल मच सकता है, जिससे कानून व्यवस्था प्रभावित हो सकती है। हाई कोर्ट ने पहले भी पुलिस को निर्देश दिया था कि वह इस मामले पर विचार करे, लेकिन पुलिस ने इस पर ध्यान नहीं दिया।
विदेश नीति के खिलाफ नहीं है प्रदर्शन
याचिकाकर्ता का कहना है कि विदेश मंत्रालय ने भी सीजफायर और मानवीय सहायता का समर्थन किया है, इसलिए उनका प्रदर्शन विदेश नीति के खिलाफ नहीं है। पुलिस का यह तर्क गलत है। बताया जा रहा है कि हाई कोर्ट की फटकार के बाद मुंबई पुलिस जल्द ही वामपंथी दलों को प्रदर्शन की अनुमति दे सकती है।