ब्राजील में बोलसोनारो को हाउस अरेस्ट: राजनीतिक संकट की नई परतें

ब्राजील में राजनीतिक संकट
ब्राजील में राजनीतिक संकट: ब्राजील के पूर्व राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार यह किसी राजनीतिक बयान या चुनावी रैली के कारण नहीं, बल्कि देश की सर्वोच्च अदालत द्वारा दिए गए हाउस अरेस्ट के आदेश के चलते है। ब्राजील के सुप्रीम कोर्ट ने बोलसोनारो को 2022 के चुनाव में हारने के बावजूद सत्ता में बने रहने की कथित साजिश के मामले में घर में नजरबंद करने का आदेश दिया है। यह मामला अब केवल कानूनी दायरे में नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण बन चुका है। पूर्व राष्ट्रपति पर तख्तापलट की साजिश, न्यायपालिका के खिलाफ साजिश और हिंसा भड़काने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं.
आरोपों का विवरण
आरोपों का विवरण
ब्राजील के अभियोजकों का कहना है कि बोलसोनारो ने एक आपराधिक संगठन का नेतृत्व किया, जिसका उद्देश्य 2022 के चुनावी परिणामों को पलटना था। आरोप है कि इस साजिश में तत्कालीन विजेता लूला और सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जेंड्रे डी मोराएस की हत्या की योजना भी शामिल थी। इसके अलावा, उन्होंने अपने तीन बेटों के सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से जनता को भड़काने वाला सामग्री पोस्ट करने का निर्देश दिया.
कोर्ट का कड़ा निर्णय
कोर्ट का कड़ा निर्णय
सुप्रीम कोर्ट के जज एलेक्जेंड्रे डी मोराएस ने पहले ही बोलसोनारो को इलेक्ट्रॉनिक एंकल मॉनिटर पहनने और सार्वजनिक बयानबाजी पर रोक लगाने का आदेश दिया था। अब कोर्ट ने उन्हें पूरी तरह से हाउस अरेस्ट में डाल दिया है। बोलसोनारो का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है और उन्हें किसी भी सार्वजनिक मंच से बोलने की अनुमति नहीं है.
ट्रंप का बयान और टैरिफ का मुद्दा
ट्रंप का बयान और टैरिफ का मुद्दा
इस घटनाक्रम में एक दिलचस्प मोड़ तब आया जब अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ब्राजील पर 50% टैरिफ लगाने के पीछे इस न्यायिक कार्रवाई को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने इसे राजनीति से प्रेरित प्रतिशोध कहा। ट्रंप के इस बयान ने स्थिति को और गरमा दिया है, जिससे बोलसोनारो के समर्थकों में भी गुस्सा देखने को मिल रहा है.
भविष्य की संभावनाएँ
भविष्य की संभावनाएँ
बोलसोनारो अब ब्रासीलिया स्थित अपने घर में नजरबंद रहेंगे और उन्हें कहीं यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी। इससे पहले रविवार को उन्होंने रियो में अपने समर्थकों को बेटे के फोन से संबोधित किया था, जिसे अदालत ने अवैध माना। ऐसे में अब सवाल उठता है – क्या ब्राजील लोकतांत्रिक व्यवस्था की रक्षा कर रहा है या राजनीति के खेल में एक और नेता शिकार बन रहा है?