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ब्रिक्स बैठक में भारत की भूमिका पर जोर

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत की भूमिका को स्पष्ट किया। उन्होंने बहुपक्षवाद, अंतरराष्ट्रीय सुधारों, और आर्थिक चुनौतियों पर चर्चा की। जयशंकर ने खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, और तकनीकी नवाचार पर भारत की प्राथमिकताओं को उजागर किया। इसके अलावा, उन्होंने आईबीएसए और CELAC की बैठकें भी कीं, जहां वैश्विक सहयोग को बढ़ाने पर जोर दिया गया। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक के प्रमुख बिंदु।
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ब्रिक्स बैठक में भारत की भूमिका पर जोर

ब्रिक्स बैठक का आयोजन

ब्रिक्स बैठक: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को न्यूयॉर्क में ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेज़बानी की। यह बैठक संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान आयोजित की गई, जिसमें जयशंकर ने बहुपक्षवाद और अंतरराष्ट्रीय सुधारों में भारत की भूमिका को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि जब बहुपक्षीय व्यवस्था में तनाव है, तब ब्रिक्स एक तर्कसंगत और रचनात्मक बदलाव की आवाज बनकर उभरा है।


वैश्विक माहौल की चुनौतियाँ

जयशंकर ने कहा कि वर्तमान वैश्विक स्थिति अशांत है और ऐसे समय में शांति निर्माण, संवाद, कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय कानून के पालन को मजबूत करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि ब्रिक्स को संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख अंगों, विशेषकर सुरक्षा परिषद में सुधार की सामूहिक मांग को तेज करना चाहिए। यह मांग लंबे समय से ब्रिक्स देशों की प्राथमिकताओं में शामिल रही है, ताकि वैश्विक शासन अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी हो सके।


आर्थिक मुद्दों पर चर्चा

टैरिफ अस्थिरता का जिक्र

आर्थिक मोर्चे पर, जयशंकर ने बढ़ते संरक्षणवाद, टैरिफ अस्थिरता और गैर-टैरिफ बाधाओं का उल्लेख किया, जो वैश्विक व्यापार प्रवाह को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ब्रिक्स को बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की रक्षा करनी चाहिए। इसके साथ ही, तकनीक और नवाचार को ब्रिक्स सहयोग के अगले चरण का केंद्र बताया।


भारत की प्राथमिकताएँ

प्राथमिकताओं पर डाला प्रकाश

भारत की मौजूदा ब्रिक्स अध्यक्षता के दौरान, जयशंकर ने प्राथमिकताओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, जलवायु परिवर्तन, डिजिटल परिवर्तन, स्टार्टअप, नवाचार और मजबूत विकास साझेदारी जैसे मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा। यह एजेंडा भारत की ग्लोबल साउथ के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।


आईबीएसए और CELAC बैठकें

आईबीएसए मंत्रियों की बैठक

इसके अलावा, जयशंकर ने न्यूयॉर्क में आईबीएसए (भारत, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका) विदेश मंत्रियों की बैठक भी की। इस बैठक में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में परिवर्तनकारी सुधार की मांग पर जोर दिया गया। साथ ही, आईबीएसए अकादमिक फोरम, समुद्री अभ्यास, ट्रस्ट फंड और अंतर-आईबीएसए व्यापार पर भी चर्चा हुई। जयशंकर ने कहा कि आईबीएसए अपनी बैठकों को और नियमित करेगा.


CELAC बैठक की सह-अध्यक्षता

CELAC मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता

जयशंकर ने कोलंबिया की विदेश मंत्री रोजा योलांडा विलाविसेंसियो के साथ इंडिया-CELAC (लैटिन अमेरिकी और कैरेबियन राज्यों का समुदाय) विदेश मंत्रियों की बैठक की सह-अध्यक्षता भी की। इसमें कृषि, व्यापार, स्वास्थ्य, डिजिटल, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, अंतरिक्ष, नवीकरणीय ऊर्जा और महत्वपूर्ण खनिज जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बनी। दोनों पक्षों ने ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करने के लिए बहुपक्षीय संस्थानों में तत्काल सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके अलावा, जयशंकर ने इंडोनेशिया, रूस, एंटीगुआ और बारबुडा, उरुग्वे और कोलंबिया के विदेश मंत्रियों से भी द्विपक्षीय मुलाकात की और सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की.