ब्रिगेड 313: पाकिस्तान के आतंकवाद से जुड़े अतीत का खुलासा

ब्रिगेड 313 का परिचय
ब्रिगेड 313 क्या है: पाकिस्तान के आतंकवादियों के संबंध एक बार फिर उजागर हुए हैं, जब पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की उपाध्यक्ष शेरी रहमान ने एक लाइव टीवी शो में स्वीकार किया कि इस्लामाबाद का इतिहास आतंकवाद से जुड़ा हुआ है। हालांकि, उन्होंने अलकायदा से संबंधित ब्रिगेड 313 पर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया। स्काई न्यूज के कार्यक्रम में जब उनसे पूछा गया कि क्या अलकायदा को पाकिस्तान में शरण मिली है, तो उन्होंने कहा कि यह अतीत की बात है और अब पाकिस्तान एक नया देश है जो आतंकवाद से लड़ रहा है।
आतंकवाद का केंद्र
आतंकवाद का हब है ये आतंकी संगठन
आतंकवाद अनुसंधान और विश्लेषण केंद्र (TRMC) के अनुसार, पाकिस्तान में सक्रिय ब्रिगेड 313 में तालिबान, लश्कर-ए-झांगवी और हरकत-उल-जिहाद-अल-इस्लामी जैसे समूहों के सदस्य शामिल हैं। इन संगठनों के नेताओं का मुख्य उद्देश्य कश्मीर पर हमले करना है। इसे आतंकवाद का केंद्र माना जाता है।
What is Brigade 313? Is it Al Qaeda in Pakistan?
I ask Vice President of the Pakistan People’s Party Senator Sherry Rehman about ongoing terrorist activity in Pakistan.
Watch the full exchange on YouTube. pic.twitter.com/toXchgeMW5
— Yalda Hakim (@SkyYaldaHakim) June 9, 2025
भारत में आतंकवाद का मुद्दा
भारत में सैकड़ों उग्रवादी संगठन
शेरी रहमान ने टीवी चर्चा में पत्रकार की बातों से सहमति जताई और सवाल उठाया कि क्या भारत में कश्मीर पर बार-बार हमलों के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार है, खासकर उन संगठनों का जो ब्रिगेड 313 से जुड़े हैं। उन्होंने कहा, "क्या मैं हर बार उनके खिलाफ युद्ध छेड़ दूं, जो भारत पर हमले की योजना बनाते हैं? भारत में सैकड़ों उग्रवादी संगठन सक्रिय हैं। क्या हम वहां होने वाली घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं?"
इस बातचीत में पाकिस्तान को FATF की ग्रे सूची में शामिल करने के मुद्दे पर भी चर्चा हुई। पत्रकार ने पूछा कि क्या 26/11 के मुंबई हमलों के प्रमुख साजिशकर्ताओं में से एक साजिद मीर ने पाकिस्तान को सूची से बाहर निकलने में देरी करने में कोई भूमिका निभाई थी। शेरी रहमान ने कहा, "आप आतंकवाद से जुड़े अतीत पर जोर दे रहे हैं, चाहे वह उससे लड़ने का मामला हो या किसी और तरीके से।"
ब्रिगेड 313 का इतिहास
ब्रिगेड 313 क्या है?
ब्रिगेड 313 की स्थापना 2000 के दशक की शुरुआत में हुई थी, जिसका नाम 313 साथियों के नाम पर रखा गया था, जिन्होंने बद्र की लड़ाई में पैगंबर मुहम्मद का साथ दिया था। इसे पूर्व पाकिस्तानी सेना के प्रशिक्षित कमांडर इलियास कश्मीरी ने लीड किया था। इलियास कश्मीरी, जो अल-कायदा के प्रमुख कमांडरों में से एक थे, की 2011 में अमेरिकी ड्रोन हमले में मौत हो गई थी।
ब्रिगेड 313 में लश्कर-ए-तैयबा, लश्कर-ए-झांगवी, हरकत-उल-जिहाद अल-इस्लामी (हूजी), जैश-ए-मोहम्मद और अन्य आतंकवादी समूह शामिल हैं। यह संगठन अल-कायदा के अधीन काम करता था और अक्सर पाकिस्तान के तालिबान गुटों के साथ सहयोग करता था। इसे दक्षिण एशिया में अल-कायदा के सबसे खतरनाक और प्रभावी संगठनों में से एक माना जाता है, जो उच्च-प्रोफाइल हमलों को अंजाम देता है।