ब्रिटेन की सरकार का अनोखा आदेश: पुरानी डिजिटल तस्वीरें डिलीट करें पानी बचाने के लिए

डिजिटल तस्वीरों का डेटा सेंटर में संग्रहण
ब्रिटेन की सरकार ने पानी की बचत के लिए एक अनोखी सलाह दी है। सरकार का मानना है कि पुरानी डिजिटल तस्वीरों को डिलीट करना आवश्यक है ताकि पानी की बर्बादी को रोका जा सके।
हमारी तस्वीरें, वीडियो और ईमेल सभी किसी न किसी डेटा सेंटर में सुरक्षित रखे जाते हैं। ये डेटा सेंटर बड़े सर्वरों से भरे होते हैं, जो गर्म होते हैं और इन्हें ठंडा करने के लिए पानी या बिजली से चलने वाली कूलिंग तकनीक का उपयोग किया जाता है।
डेटा सेंटर की पानी की खपत
1 मेगावाट के डेटा सेंटर में पानी की खपत
आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार, एक छोटा डेटा सेंटर जो 1 मेगावाट की शक्ति का उपयोग करता है, हर साल करोड़ों लीटर पानी केवल कूलिंग के लिए खर्च कर सकता है। यह आंकड़ा स्थान और तकनीक के अनुसार भिन्न हो सकता है।
पानी की बचत के उपाय
रीसाइकल्ड पानी का उपयोग
कुछ डेटा सेंटर अब पीने योग्य नहीं या रीसाइकल्ड पानी का उपयोग कर रहे हैं, ताकि पीने के पानी पर दबाव न पड़े। कई कंपनियां एयर-कूलिंग या इवैपोरेटिव कूलिंग तकनीक का उपयोग कर रही हैं, जो मौसम और स्थानीय नियमों पर निर्भर करती हैं।
बिग टेक कंपनियों के प्रयास
गूगल और माइक्रोसॉफ्ट के प्रयास
बड़ी टेक कंपनियां अपने वॉटर फुटप्रिंट को कम करने के लिए कई नवाचार कर रही हैं। गूगल ने अमेरिका के जॉर्जिया में रीसाइकल्ड वेस्टवॉटर से डेटा सेंटर को ठंडा करने का प्रयोग किया है। माइक्रोसॉफ्ट ने पानी की बचत के लिए अंडरवॉटर डेटा सेंटर का परीक्षण किया है, जिसमें समुद्र का ठंडा पानी सर्वरों को ठंडा करने में मदद करता है।
डेटा प्रोसेसिंग की बढ़ती आवश्यकता
बढ़ती डेटा प्रोसेसिंग की जरूरत
एआई और मशीन लर्निंग की बढ़ती मांग के साथ डेटा प्रोसेसिंग की आवश्यकता भी तेजी से बढ़ रही है। इसका अर्थ है कि यदि डिज़ाइन में बदलाव नहीं किए गए, तो भविष्य में बिजली और पानी दोनों की खपत में वृद्धि हो सकती है।