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ब्रिटेन-फ्रांस रिटर्न ट्रीटी: भारतीय नागरिक का सफल निर्वासन

ब्रिटेन और फ्रांस के बीच हाल ही में हुई रिटर्न ट्रीटी के तहत एक भारतीय नागरिक का सफल निर्वासन किया गया है। यह कदम अवैध प्रवास को रोकने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के उद्देश्य से उठाया गया है। गृह मंत्री शबाना महमूद ने इसे एक महत्वपूर्ण शुरुआत बताया है। इस संधि के तहत, ब्रिटेन अवैध प्रवासियों को फ्रांस वापस भेज सकता है और इसके बदले में कानूनी शरणार्थियों को स्वीकार करेगा। जानें इस प्रक्रिया के बारे में और क्या है इसके पीछे का उद्देश्य।
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ब्रिटेन-फ्रांस रिटर्न ट्रीटी: भारतीय नागरिक का सफल निर्वासन

ब्रिटेन-फ्रांस रिटर्न ट्रीटी का पहला कार्यान्वयन

ब्रिटेन-फ्रांस रिटर्न ट्रीटी: हाल ही में ब्रिटेन और फ्रांस के बीच एक नई रिटर्न ट्रीटी के तहत पहला निर्वासन सफलतापूर्वक किया गया है। इस संधि के अंतर्गत एक भारतीय नागरिक, जो अवैध रूप से इंग्लिश चैनल पार कर ब्रिटेन में प्रवेश कर गया था, को पेरिस वापस भेजा गया। यह कदम अवैध प्रवास को नियंत्रित करने और सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए उठाया गया है। गृह मंत्री शबाना महमूद ने इसे एक महत्वपूर्ण शुरुआत बताते हुए कहा कि जो लोग अवैध तरीके से ब्रिटेन में प्रवेश करते हैं, उनके लिए यह स्पष्ट संदेश है कि उन्हें हटाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार अंतिम समय में आने वाली कानूनी बाधाओं को अदालतों में चुनौती देती रहेगी।


पहला निर्वासित भारतीय नागरिक

गृह मंत्रालय के अनुसार, निर्वासित किया गया व्यक्ति एक भारतीय नागरिक है जिसने अगस्त 2025 में छोटी नाव के माध्यम से ब्रिटेन में अवैध रूप से प्रवेश किया था। उसे एक वाणिज्यिक उड़ान से फ्रांस के पेरिस भेजा गया। यह कदम ब्रिटेन-फ्रांस वन-इन, वन-आउट समझौते के तहत उठाया गया है। इस भारतीय नागरिक को स्वैच्छिक पुनर्वास योजना के तहत भारत लौटने का विकल्प दिया गया है। यदि वह इस प्रस्ताव को अस्वीकार करता है, तो उसके भविष्य के शरण आवेदन को खारिज किया जा सकता है और उसे जबरन वापस भेजा जा सकता है।


पायलट समझौते की अवधि

2026 तक लागू रहेगा पायलट समझौता: यह रिटर्न ट्रीटी अगस्त 2025 से प्रभावी हुई है और जून 2026 तक पायलट चरण में लागू रहेगी। इसके तहत, ब्रिटेन अवैध रूप से आए प्रवासियों को फ्रांस वापस भेज सकता है और इसके बदले में फ्रांस से समान संख्या में कानूनी रूप से पात्र शरणार्थियों को ब्रिटेन में प्रवेश देगा। प्रत्येक व्यक्ति की पात्रता और सुरक्षा की सख्त जांच की जाएगी। गृह मंत्रालय ने बताया है कि फ्रांस से आने वाले पहले वैध शरणार्थियों का समूह जल्द ही ब्रिटेन पहुंचेगा। इस प्रक्रिया के माध्यम से, ब्रिटेन सुरक्षित, वैध और मानवतावादी आधार पर शरणार्थियों को स्थान देने की अपनी नीति को बनाए रखेगा।


ब्रिटेन में भारतीय नागरिकों की स्थिति

ब्रिटेन में भारतीयों की संख्या: आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अगस्त 2025 तक ब्रिटेन के इमिग्रेशन डिटेंशन सेंटरों में कुल 2,715 भारतीय नागरिक बंद थे। यह संख्या पिछले वर्ष की तुलना में 108% अधिक है। निर्वासित भारतीय नागरिक उन्हीं शुरुआती मामलों में से एक था जिन्हें बॉर्डर फोर्स ने ट्रीटी लागू होने के बाद पकड़ा था। गृह कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले 12 महीनों में ब्रिटेन ने 35,000 से अधिक ऐसे लोगों को देश से बाहर भेजा है जिनके पास यहां रहने का कोई वैध अधिकार नहीं था। इनमें विदेशी अपराधियों के निर्वासन में 14% और शरण से जुड़े मामलों में 28% की वृद्धि देखी गई है।


गृह मंत्री का स्पष्ट संदेश

गृह मंत्री का कड़ा संदेश: गृह मंत्री शबाना महमूद ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह हमारे बॉर्डर की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण शुरुआत है। ब्रिटेन शरण देना जारी रखेगा, लेकिन केवल सुरक्षित, वैध और व्यवस्थित रास्तों से - न कि खतरनाक समुद्री यात्राओं से।