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ब्लैकरॉक की भारत में एंट्री: मुकेश अंबानी के साथ नई साझेदारी का आगाज़

दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने भारत के म्यूचुअल फंड बाजार में कदम रखा है, जो मुकेश अंबानी की जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के साथ साझेदारी के माध्यम से संभव हुआ है। इस गठबंधन को भारत में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है। लैरी फिंक, जो ब्लैकरॉक के चेयरमैन और सीईओ हैं, ने इस कंपनी को 1988 में स्थापित किया था। जानें इस साझेदारी का महत्व और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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ब्लैकरॉक की भारत में एंट्री: मुकेश अंबानी के साथ नई साझेदारी का आगाज़

ब्लैकरॉक का भारत में कदम

Larry Fink: दुनिया की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी ब्लैकरॉक ने अब भारत के म्यूचुअल फंड बाजार में प्रवेश कर लिया है। यह महत्वपूर्ण कदम मुकेश अंबानी की कंपनी जियो फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के साथ साझेदारी के माध्यम से उठाया गया है। इस सहयोग को भारत में म्यूचुअल फंड क्षेत्र में एक नई शुरुआत के रूप में देखा जा रहा है।


ब्लैकरॉक की वित्तीय ताकत

ब्लैकरॉक की वित्तीय शक्ति का अंदाजा इस तथ्य से लगाया जा सकता है कि जनवरी 2025 तक इसके पास 11.6 ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति होने का अनुमान है। यह राशि कई देशों की जीडीपी से भी अधिक है। उदाहरण के लिए, अमेरिका की जीडीपी 30 ट्रिलियन डॉलर है, जबकि ब्लैकरॉक के पास अकेले इसके आधे से ज्यादा संपत्ति है। इस विशाल साम्राज्य का नेतृत्व करने वाले लैरी फिंक को वैश्विक निवेश के क्षेत्र में एक प्रभावशाली व्यक्ति माना जाता है।


लैरी फिंक का परिचय

कौन हैं लैरी फिंक? लैरी फिंक, ब्लैकरॉक के चेयरमैन और सीईओ हैं। वह न केवल कंपनी का संचालन करते हैं, बल्कि वैश्विक वित्तीय बाजारों में इसकी रणनीतियों का निर्धारण भी करते हैं। उनके नेतृत्व में, ब्लैकरॉक ने भारत और अमेरिका की प्रमुख कंपनियों में निवेश किया है।


क्यों हैं प्रभावशाली?

अरबपति नहीं, फिर भी सबसे प्रभावशाली क्यों? लैरी फिंक की देखरेख में ट्रिलियन डॉलर की संपत्ति है, लेकिन वह अरबपतियों की सूची में नहीं आते। इसका कारण यह है कि उनके पास जो संपत्ति है, वह उनकी व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है, बल्कि निवेशकों की पूंजी है, जो म्यूचुअल फंड्स और अन्य माध्यमों से ब्लैकरॉक में निवेशित है।


एसेट मैनेजमेंट का कार्य

क्या होता है एसेट मैनेजमेंट बिजनेस? एसेट मैनेजमेंट कंपनियां (AMC) वित्तीय संस्थाएं होती हैं जो म्यूचुअल फंड, इक्विटी, डेट और अन्य निवेश साधनों के माध्यम से ग्राहकों की पूंजी का प्रबंधन करती हैं। इनका मुख्य उद्देश्य निवेशकों को बेहतर रिटर्न प्रदान करना होता है। ब्लैकरॉक इस क्षेत्र में सबसे बड़ी और प्रभावशाली कंपनी मानी जाती है, जिसका प्रभाव वैश्विक शेयर बाजारों पर भी देखा जाता है।


ब्लैकरॉक की स्थापना

7 दोस्तों से शुरू की थी ब्लैकरॉक लैरी फिंक ने 1988 में अपने सात साथियों के साथ मिलकर ब्लैकरॉक की स्थापना की थी। उन्होंने इस कंपनी को अपने नेतृत्व में महज 37 वर्षों में विश्व की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट फर्म बना दिया। आज ब्लैकरॉक के पास दुनिया की हर प्रमुख कंपनी में हिस्सेदारी है, जो इसकी व्यापक पहुंच और प्रभाव को दर्शाता है।


साझेदारी का महत्व

अंबानी से साझेदारी का मतलब ब्लैकरॉक और जियो फाइनेंशियल सर्विसेज के बीच यह साझेदारी भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकती है। यह गठबंधन देश के खुदरा निवेशकों के लिए नई संभावनाओं और बेहतर विकल्पों के दरवाजे खोलता है। इसके साथ ही, यह वैश्विक निवेश की तकनीकों और अनुभव को भारतीय बाजार में लाने का एक माध्यम भी है।