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भगदड़ से बचने के उपाय: जानें कैसे सुरक्षित रहें

भीड़ में होने पर भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जैसे हाल ही में हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुआ। इस घटना में कई श्रद्धालुओं की जान गई। जानें कि ऐसी स्थिति में खुद को कैसे सुरक्षित रखें। इस लेख में हम आपको भगदड़ से बचने के उपाय और उसके बाद क्या करना चाहिए, इस पर जानकारी देंगे। सतर्क रहकर आप और आपके प्रियजन सुरक्षित रह सकते हैं।
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भगदड़ से बचने के उपाय: जानें कैसे सुरक्षित रहें

भगदड़ से खुद को कैसे बचाएं?

भगदड़ से बचने के उपाय: भीड़ में होना कभी-कभी अनavoidable होता है, और यह अचानक खतरनाक स्थिति में बदल सकता है। हाल ही में हरिद्वार के मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़ ने इस बात को फिर से उजागर किया है। इस घटना में 6 श्रद्धालुओं की जान गई और 35 से अधिक लोग घायल हुए। मुख्यमंत्री धामी ने मजिस्ट्रेट जांच का आदेश दिया है, जबकि पीएम मोदी ने शोक व्यक्त किया है। ऐसे में यह जानना जरूरी है कि ऐसी स्थिति में हमें क्या करना चाहिए।


भगदड़ से बचने के तरीके:


1. ऑक्सीजन का ध्यान रखें:
जोर से चिल्लाने या बोलने से बचें। अपनी सांस को नियंत्रित रखें ताकि शरीर को आवश्यक ऑक्सीजन मिल सके।


2. बॉक्सिंग पोजीशन अपनाएं:
अपने हाथों को छाती के सामने रखें और पैरों को मजबूत स्थिति में रखें। इससे आपकी पसलियों की सुरक्षा होगी और सांस लेना आसान होगा।


3. किनारे की ओर बढ़ें:
भीड़ के दबाव से बचने के लिए धीरे-धीरे किनारे की ओर तिरछे बढ़ने का प्रयास करें।


4. गिरने पर खुद को ढंकें:
अगर आप गिर जाएं, तो तुरंत फेफड़ों की सुरक्षा के लिए लेट जाएं। सीधे लेटना खतरनाक हो सकता है।


5. भीड़ से दूर रहें:
संभव हो तो भीड़भाड़ वाले स्थानों से बचें, विशेषकर धार्मिक आयोजनों और रेलवे स्टेशनों पर।


6. निकास रास्तों की पहचान करें:
किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पहुंचने से पहले निकास द्वार और आपातकालीन रास्तों को पहचान लें।


7. शांत रहें, घबराएं नहीं:
भगदड़ की स्थिति में घबराना खतरनाक हो सकता है। शांत रहकर सोच-समझकर कदम उठाएं।


भगदड़ के बाद क्या करें?



  • सुरक्षित स्थान की तलाश करें और वहीं रुकें।


  • अगर किसी घायल को देखें, तो प्रशासन या मेडिकल स्टाफ को सूचित करें।


  • अगर सांस लेने में दिक्कत हो रही हो, तो तुरंत चिकित्सा सहायता लें।



हर साल कई लोग भगदड़ जैसी घटनाओं का शिकार होते हैं। इसलिए यह आवश्यक है कि हम न केवल प्रशासन से बेहतर व्यवस्था की मांग करें, बल्कि खुद भी सतर्क रहें। आपकी सजगता ही आपको और आपके प्रियजनों को सुरक्षित रख सकती है।